Sunday 28 July 2019

गंगा नदी की शुद्धता का तर्क

          
     
   गंगा नदी


गैैंै

गंगा नदी में बेक्टेरिओफेज पाये 
जाते है। बक्टेरियोफेज़ जीवाणुओ 
को संक्रमित करने
 वाले विषाणुओं को 
नष्ट करते है।

उत्तर भारत की सबसे बड़ी और प्रमुख नदी गंग है। गंगा नदी वास्तव में भागीरथी और अलकनंदा नदी का संगम है।
गंगा हिमालय में स्थित गंगोत्री नामक स्थान से निकलती है।
हिमालय के गौमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद(GURUKUL) से निकलती हैं। गंगा के इस उद्गम स्थल की ऊँचाई 3140 मीटर है। यहाँ गंगा जी को समर्पित एक मंदिर है। गंगोत्री तीर्थ, शहर से 19 कि॰मी॰ उत्तर की ओर 3892 मी॰ (12770 फीट) की ऊँचाई पर इस हिमनद का मुख है। यह हिमनद 25 कि॰मी॰ लम्बा व 4 कि॰मी॰ चौड़ा और लगभग 40 मीटर ऊँचा है। इसी ग्लेशियर से भागीरथी एक छोटे से गुफानुमा मुख पर अवतरित होती हैं। इसका जल स्रोत 5000 मीटर ऊँचाई पर स्थित एक घाटी है। इस घाटी का मूल पश्चिमी ढलान की सन्तोपन्थ की चोटियों में है। गौमुख के रास्ते में 3600 मीटर ऊँचे चिरबासा ग्राम से विशाल गौमुख हिमनद के दर्शन होते हैं।
  • इस हिमनद में नन्दा देवी, कामत पर्वत एवं त्रिशूल पर्वत का हिम पिघल कर आता है। यद्यपि गंगा के आकार लेने में अनेक छोटी धाराओं का योगदान है, लेकिन 6 बड़ी और उनकी सहायक 5 छोटी धाराओं का भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्त्व अधिक है। अलकनन्दा (विष्णु गंगा) की सहायक नदी धौली, विष्णु गंगा तथा मन्दाकिनी है। धौली गंगा का अलकनन्दा से विष्णु प्रयाग में संगम होता है। यह 1372 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। फिर 2805 मीटर ऊँचे नन्द प्रयाग में अलकनन्दा का नन्दाकिनी नदी से संगम होता है। इसके बाद कर्ण प्रयाग में अलकनन्दा का कर्ण गंगा या पिंडर नदी से संगम होता है। फिर ऋषिकेश से 139 कि॰मी॰ दूर स्थित रुद्र प्रयाग में अलकनन्दा मन्दाकिनी से मिलती है। इसके बाद भागीरथी व अलकनन्दा 1500 फीट पर स्थित देव प्रयाग में संगम करती हैं यहाँ से यह सम्मिलित जल-धारा गंगा नदी के नाम से आगे प्रवाहित होती है। इन पाँच प्रयागों को सम्मिलित रूप से पंच प्रयाग कहा जाता है।इस प्रकार 200 कि॰मी॰ का सँकरा पहाड़ी रास्ता तय करके गंगा नदी ऋषिकेश होते हुए प्रथम बार मैदानों का स्पर्श हरिद्वार में करती हैं।
    हिमालय की बर्फ पिघलकर इसमें आती रहती है । इसलिए इस नदी में पूरे वर्ष जल रहता है । इस सदानीरा नदी का जल करोड़ों लोगों की प्यास बुझाता है । करोड़ों पशु-पक्षी इसके जल पर निर्भर हैं । लाखों एकड़ जमीन इस जल से सिंचित होती है । गंगा नदी पर फरक्का आदि कई बाँध बनाएं गए हैं।
    1.अलकनंदा नदी तिब्बत के सीमा के नज़दीक गढ़वाल से निकलती है इसमें भागीरथी नदी से ज्यादा जल की मात्रा है। अलकनंदा नदी विष्णुप्रयाग के बाद मध्य हिमालय के प्रमुख और गहरे गड्ढे में होकर बहती हैं। जिसके एक तरफ नंदा देवी और दूसरी तरफ बद्रीनाथ की ऊँची चोटियां स्तिथ है।अलकनंदा नदी का उदगम स्थल धोंली नदी और विष्णुगंगा नदी और आदि नदियों के मिलने से होता है। धौली नीति दर्रे के निकट जास्कर श्रेणी से निकलती हैं। जबकि विष्णुगंगा माना दर्रे के निकट कामेत से निकलती है। अलकनन्दा की एक और सहायक नदी पिंडार है यह पिंडारी हिमनद से निकलकर कर्णप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है मंदाकिनी नदी भी रुद्रप्रयाग के निकट अलकनंदा से मिलती है। नन्दका नदी नंदप्रयाग में आकर मिलती है।
  1. भागीरथी नदी से एक प्रमुख नदी जाह्नवी गंगोत्री के निकट मिलती है। मुख्य हिमालय से निकलकर जाह्नवी नदी गंगौत्री के निकट भागीरथी नदी से मिलती है। भागीरथी नदी और अलकनंदा नदी देवप्रयाग के निकट मिलकर एक हो जाती है।
    देवप्रयाग के बाद दोनों नदियां एक होकर शिवालिक की पहाड़ियों की श्रेणी को काटती हुई गंगा नदी के नाम से ऋषिकेश और हरिद्वार पहुचती है।
    गंगा नदी का उद्गम स्त्रोत केदारनाथ के उत्तर में गौमुख नामक जगह ओर 6,600 मीटर की ऊँचाई पर स्तिथ गंगोत्री हिमनद है। इसी हिमनद के आसपास सांतोपथ, शिवलिंग इत्यादि कई ऊँची पर्वत शिखर है।
    भागीरथी और अलकनंदा नदी देवप्रयाग में एक होकर हिमालय श्रेणीयों में श्रीकांत और बन्दरपंच शिखर के बीच 4,870 मीटर गहरी घाटी बनाकर बहती है।
    ऋषिकेश के बाद गंगा नदी हरिद्वार के निकट मैदानी प्रदेश में प्रवेश करती है।
    गंगा नदी उत्तरप्रदेश के प्रमुख शहरों मेरठ,फरुखाबाद,इलाहाबाद,मिर्ज़ापुर,वाराणसी,बेतिया होते हुए बिहार में प्रवेश करती है। प्रयाग के पास इसमे दाहिनी तरफ से यमुना नदी आकर मिलती है और यह पूर्व की ओर मुड़ जाती है।

Friday 26 July 2019

काउंटर ट्रैन रिज़र्व टिकट ऑनलाइन रद्द कैसे करें

यदि आपने किसी भी ट्रेन की रिज़र्व टिकट काउंटर से प्राप्त किया है तो उसे रद्द कराने के लिए स्टेशन जाने की समय नही है तो आप उसे ऑनलाइन रद्द करके रिफंड राशि काउंटर से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए निम्न प्रक्रिया का पालन करना होगा। 
1. उपरोक्त कार्य के सवर्प्रथम आवश्यक है कि जब आप रिजर्वेशन काउंटर से टिकट कटाये टी उसमे मोबाइल नंबर अवश्य ही दर्ज करवाये। नही तो टिकट का ऑनलाइन रद्दीकरण प्रक्रिया नही होगी।
अब आप निम्नलिखित वेबसाइट को किसी भी सर्च इंजिन में टाइप करें अथवा गुगल सर्च इंजन में online ticket cancel टाइप करें।
https://www.operations.irctc.co.in/ctcan/SystemTktCanLogin.jsf 
उपरोक्त कार्य करने पर निम्न तरह से वेबसाइट पर ऑप्शन आयेगा।


इसमे दिए गए ऑप्शन में कैप्चा के साथ पीएनआर नंबर, ट्रेन नंबर दर्ज करें। 
2. इसके बाद चेक बॉक्स का चयन करें। सबमिट पर क्लिक करे। 

3. क्लिक करने के बाद बुकिंग के समय दिए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, 



4.प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें। OTP वेरिफाई होने के बाद PNR डिटेल्स स्क्रीन पर निम्नलिखित विवरण दिखाई देंगी।




5. सभी विवरणों को सत्यापित करने के बाद पूर्ण रद्द करने के लिए 'टिकट रद्द करें' पर क्लिक करें। देय धनराशि स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाएगी। पीएनआर और धनवापसी विवरण के साथ एक एसएमएस भेजा जाएगा। नमूना प्रारूप: “आपका PNR XXXXXxxxxx रद्द कर दिया गया है। यात्रा शुरू स्टेशन या आसपास के उपग्रह पीआरएस स्थानों से रिफंड राशि XXXXX प्राप्त करें।
      



 ट्रेन के प्रस्थान समय के 24 घंटे से पहले रद्द किए गए टिकट (वापसी यात्रा टिकट सहित) के लिए नियम और शर्तें: निर्धारित समय से पहले भारतीय रेल के किसी भी पीआरएस काउंटर से मूल पीआरएस काउंटर टिकट जमा करने पर अनुमति के रूप में किराया जमा किया जा सकता है। कन्फर्म टिकट के मामले में ट्रेन का प्रस्थान समय और आरएसी / प्रतीक्षा सूची वाले टिकट के मामले में ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय से तीस मिनट पहले तक। 24 घंटे के बीच रद्द टिकटों (वापसी यात्रा टिकटों सहित) और कन्फर्म टिकटों के लिए 4 घंटे तक और निर्धारित प्रस्थान समय से पहले आरएसी / प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों के लिए तीस मिनट तक: IRCTC वेबसाइट के माध्यम से रद्द किए गए PRS काउंटर टिकटों का रिफंड या वर्तमान में 139 अनुमति है। केवल यात्रा शुरू करने वाले स्टेशन या आस-पास के उपग्रह पीआरएस स्थानों पर मूल यात्रा टिकट सरेंडर करके। कृपया अपने टिकट को रद्द करने से पहले यात्रा शुरू करने वाले स्टेशन से धनवापसी की सुविधा की जांच करें। ट्रेनों के लिए निर्धारित प्रस्थान के पहले दिन पीआरएस काउंटर खोलने के पहले दो घंटों के दौरान जिनकी निर्धारित प्रस्थान अवधि: - (i) 1801 घंटे के बीच है और 0600 घंटे। पीआरएस काउंटरों / करंट काउंटरों / विशेष काउंटरों के काम के घंटों के दौरान ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान के 4 घंटे बाद तक, रद्द करने की अनुमति है, जिन ट्रेनों के निर्धारित प्रस्थान समय (i) के लिए टिकटों पर चौबीसों घंटे और उसके बीच 0601 घंटे से 1800 घंटे तक की अनुमति है ।

Wednesday 24 July 2019

थायरॉयड ग्रंथि के लक्षण और दुष्प्रभाव

      


थायरॉइड एक विशेष ग्रंथि है जिसका आकार एक तितली के जैसा होता हैं। यह गर्दन के निचले हिस्से में में रहती हैं। यह ग्रंथि थायरोक्सिन हार्मोन का निर्माण कर के रक्त में पहुचांना है। जिसे मनुष्य के शरीर का उपचायीय (मेटाबॉलिज्म) क्रिया ठीक रहती है। शरीर बैलेंस्ड रहता है।
थायरॉइड ग्रंथि में दो प्रकार के हार्मोन्स  T3 और T4 का निर्माण होता है। और इसी प्रकार दोनो हार्मोन्स के असंतुलन से थायरॉयड होता है।
थायरॉइड हॉर्मोन्स की मात्रा की कमी से शरीर मे ऊर्जा की कमी हो जाती है। जिसके कारण आलस्य और सुस्ती का अनुभव होता हैं। यदि हार्मोन्स की मात्रा बढ़ जाती हैं तो शरीर ज्यादा सक्रिय हो जाता हैं।
थायरॉइड ग्रंथि (ग्लैंड) का नियंत्रण पिट्यूटरी ग्रंथि (ग्लैंड) के द्वारा होता हैं। इसी पिट्यूटरी ग्रंथि को हाइपोथैलेमस के द्वारा नियंत्रित किया जाता हैं। हमारे शरीर में थायरॉयड ग्रंथि स्वांस नली के ऊपर और स्वर कॉर्ड के दोनों तरफ होती है। यह शरीर में थायरॉक्सिन नामक हॉर्मोन्स का निर्माण करती है। थायरॉइड ग्रंथि हमारे शरीर मे एंडोक्राइन ग्लैंड्स में से एक है। इसके अर्थ है कि हमारा शरीर जो भोजन ग्रहण करते है उस भोजन को थायरॉइड ग्लैंड ऊर्जा में बदलता है। यदि इस ग्रंथि में थोड़ा सा भी प्रॉब्लम होता है तो हमारे शरीर मे तुरंत ऊर्जा की कमी हो जाती हैं। या ऊर्जा बढ़ जाती हैं।
इस ग्रंथि में आयी हुई प्रॉब्लम को शुरुआती समय में पकड़ने के लिए थोड़ा बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती हैं। बीमारी को पकड़ने के लिए हमे इस बीमारी के बारे में जानकारी होने की आवश्यकता होती है। आखिर हम कैसे पता लगाएं की हम इस बीमारी से ग्रषित हो रहे है।
1.हाथ पैर ठंडा रहना:- यदि आपके शरीर के टेम्परेचर अथार्त तापमान नार्मल होने पर भी आपके हाथ पैर ठंडे है। तो हो सकता है कि आप थायरॉइड के बीमारी से ग्रषित हो रहे है। अतः आप मेडिकल डॉक्टर्स से परामर्श लें।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना :- आपका शरीर थोड़ी मेहनत पर ही थक जाता हैं। बार बार घबराहट होती हैं। इसके औऱ भी कारण है लेकिन थायरॉइड के कारण भी ये समस्या उत्पन्न हो सकता है।
3. वज़न तेज़ी से घटना:- यदि थायरॉइड ग्रंथि से हार्मोन का उत्पादन ज्यादा होने पर हाइपोथायरायड की शिकायत होती होती है।इसमे वज़न तेज़ी से बढ़ती है। यदि आप हाइपर-थायरॉइड से ग्रसित हो गए हैं तो इसमें वज़न तेज़ी से कम होने लगती हैं।
4. सर्दी जुकाम होना:- यदि आपको समान्य ज़ुकाम से अलग तरीके से ज़ुकाम हो रहा है तो यह थसिरोइड के कारण भी हो सकता है।क्योंकि थायरॉइड होने पर बार बार ज़ुकसम होने लगता है।
5.जॉइंट में दर्द;- थायरॉइड होने पर शरीर की मांशपेशियों में कमजोरी आने लगती है। जिसके कारण जोड़ो पर दर्द होना शुरू हो जाता हैं।
6.एड़िया का फटना:- थायरॉइड होने पर एड़िया अचानक गंदे तरीके से फटने लगती है। क्रीम और मलहम लगाने के बाद भी नहीं ठीक होती है।
7.त्वचा में रूखापन :- जिनको थायरॉइड की शिकायत होती उनकी त्वचा की ऊपरी परत की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। जिसे उनके त्वचा में रूखापन आ जाती है।
8.नाखून और बालों पर असर :- थायरॉइड होने सवर्प्रथम असर नाखुनो पर होता है नाखून पतले और उसमें दरार अथार्त दरदर होने लगते है। बाल झड़ने लगते है। गंजापन आने लगता हैं। यदि अचानक यह लक्षण आने लगे तो सावधान हो जाना चाहिए।
थायराइड को साइलेंट किलर भी कहाँ जाता हैं। यह शरीर के पूरे मेटाबोलिज्म को प्रभावित करने लगता हैं। इम्यून सिस्टम ठीक से काम नही करने के कारण शरीर में थायराइड हार्मोन्स तेज़ी से घटने लगता हैं। जिससे शरीर की नियमित जीवन शैली प्रभावित होती हैं। आमतौर ओर यह बीमारी महिलाओं को होती हैं लेकिन पुरुषों को भी होती हैं।इन उपरोक्त लक्षण आने पर तुरन्त मेडिकल जांच कराए।

Saturday 20 July 2019

आयकर की धारा 80C , 80CCC, 80CCD(1), 80CCD(1B)

   
इनकम टैक्स के e फाइलिंग करते समय इन सेक्शन के अंतर्गत आप राशि दर्ज करके छूट का दावा कर सकते हैं।
80C
80C के अंतर्गत आने वाले विषय
जीवन बीमा प्रीमियर, आस्थगित वार्षिकी, भविष्य निधि में योगदान, कुछ इक्विटी शेयरों या डिबेंचर के लिए अंशदान आदि के संबंध में कटौती
 वितीय वर्ष के अंदर भुगतान की गई राशि दर्ज किया जाता है या जीवन बीमा प्रीमियम के लिए जमा करें, सरकार द्वारा किसी भी भविष्य निधि में योगदान, कर्मचारियों को एक मान्यता प्राप्त भविष्य निधि या एक अनुमोदित सेवानिवृत्ति निधि में योगदान, आस्थगित वार्षिकी योजना में योगदान, राष्ट्रीय बचत पत्र की सदस्यता,
ट्यूशन फीस, आवासीय मकान की खरीद / निर्माण के प्रयोजनों के लिए उधार ली गई राशि का भुगतान, या अन्य समान भुगतान / निवेश जो आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं। स्वीकार्य यू / एस 80 सी, 80CCC और 80CCD (1) की कटौती की कुल राशि रु। 1,50,000 की अधिकतम सीमा तक सीमित रहेगी। 80C जीवन बीमा प्रीमियर, आस्थगित वार्षिकी, भविष्य निधि में योगदान, कुछ इक्विटी शेयरों या डिबेंचर के लिए अंशदान आदि के संबंध में कटौती, कृपया भुगतान की गई राशि दर्ज करें या जीवन बीमा प्रीमियम के लिए जमा करें, सरकार द्वारा किसी भी भविष्य निधि में योगदान, कर्मचारियों को एक मान्यता प्राप्त भविष्य निधि या एक अनुमोदित सेवानिवृत्ति निधि में योगदान, आस्थगित वार्षिकी योजना में योगदान, राष्ट्रीय बचत पत्र की सदस्यता, ट्यूशन फीस, आवासीय मकान की खरीद / निर्माण के प्रयोजनों के लिए उधार ली गई राशि का भुगतान, या अन्य समान भुगतान / निवेश जो आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं।
स्वीकार्य  U/S 80 सी, 80CCC और 80CCD (1) की कटौती की कुल राशि रु। 1,50,000 की अधिकतम सीमा तक सीमित रहती हैं।
80CCC
कुछ पेंशन फंड में योगदान के संबंध में 80CCC की कटौती पेंशन फंड से पेंशन प्राप्त करने के लिए LIC या किसी अन्य बीमाकर्ता की किसी भी वार्षिकी योजना के लिए भुगतान की गई राशि दर्ज करें, जो कि धारा 80CCC के तहत कटौती के लिए पात्र है। स्वीकार्य यू / एस 80 सी, 80CCC और 80CCD (1) की कटौती की कुल राशि 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक सीमित रहेगी।
80CCD(1)
80CCD (1) केंद्र सरकार की पेंशन योजना में योगदान के संबंध में कटौती केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित पेंशन योजना के तहत, आपके खाते में वर्ष के दौरान भुगतान की गई या जमा की गई कुल राशि दर्ज करें, जो उप-धारा के तहत कटौती के लिए पात्र है ( 1) धारा 80CCD की। स्वीकार्य यू / एस 80 सी, 80CCC और 80CCD (1) की कटौती की कुल राशि 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक सीमित रहेगी।
80CCD(1B)
80CCD (1B) केंद्र सरकार की पेंशन योजना में योगदान के संबंध में कटौती केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित पेंशन योजना के तहत आपके खाते में वर्ष के दौरान भुगतान की गई या जमा की गई राशि दर्ज करें, जो उपधारा (1B) के तहत कटौती के लिए पात्र है। ) धारा 80CCD की। इस उप-धारा के तहत पात्र राशि रुपये की अधिकतम सीमा के अधीन है। 50,000 और आगे की स्थिति अपडेट होती रहेगी।

आयकर में सेक्शन 10 का विवरण

       

सेक्शन10 (5) - छुट्टी यात्रा रियायत / सहायता
सेक्शन 10(6) - एक दूतावास, उच्चायोग इत्यादि के नाम से जो भी नाम हो, एक अधिकारी के रूप में प्राप्त पारिश्रमिक,

सेक्शन 10 7 (-) - भत्ते या अनुलाभ का भुगतान या अनुमति भारत सरकार द्वारा भारत के बाहर के नागरिकों के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत के बाहर
सेक्शन 10 (10) - मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी प्राप्त की गई प्रति 
सेक्शन 10 (10 ए) - प्राप्त पेंशन का प्राप्त मूल्य प्रति  सेक्शन 10 (10AA) - सेवानिवृत्ति के बाद अर्जित अवकाश का नकदीकरण
सेक्शन 10 (10B) (i) - अनुमोदित योजनाओं के संबंध में प्राप्त प्रतिपूर्ति मुआवजा
सेक्शन 10 (10B) (ii) - अनुमोदित योजना के संबंध में प्राप्त प्रतिपूर्ति मुआवजा
सेक्शन 10 (10C) - स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या समाप्ति पर प्राप्त / प्राप्य राशि सेवा
सेक्शन10 (10CC) - गैर-मौद्रिक अनुलाभ
सेक्शन 10 (13A) -पर नियोक्ता द्वारा भुगतान किया जाने वाला कर - हाउस रेंट अलाउंस
सेवशन 10 (14) (i) - निर्धारित भत्ते या लाभ विशेष रूप से कर्तव्यों के प्रदर्शन में किए गए खर्चों को पूरा करने के लिए दिए गए लाभ कार्यालय या रोजगार
सेक्शन 10 (14) (ii) - निर्धारित भत्ते या कार्यालय या रोजगार के कर्तव्यों के प्रदर्शन में व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने या जीवन यापन की बढ़ी हुई लागत की भरपाई के लिए दिए गए लाभ।
कोई अन्य - किसी भी अन्य भत्ते के मामले में दिए गए
खाली बॉक्स में विवरण भरे।
बी 1 (iii) नेट वेतन (i - ii) :-यह एक स्वयं भरने वाला बॉक्स है जो शुद्ध भत्ते का प्रतिनिधित्व करता है, छूट भत्ते में कटौती के बाद [बी 1 (ii)] को ग्रॉस सैलरी B1(i) से घटाते है।

Tuesday 16 July 2019

3 फेज ABB लोको में कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स ऑफ कैसे करे

3 फेज लोको में MCE अथार्त कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स कैसे ऑफ करेगे।
बहुत से कार्यो के संपादन हेतु MCE को ऑफ करना पड़ता है। इसके किये निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है।
               चित्र :- नॉलेज फ़ॉर यू

इसके बाद अन्य सर्किट ब्रेकर को ऑफ किया जा सकता है। लेकिन सभी सर्किट ब्रेकर को रिसेट करने के लिए MCE को ऑफ करना आवश्यक नही है। 

Saturday 13 July 2019

स्टेटिक कन्वर्टर लोको प्रयुक्त नये रिले

 आजकल स्टेटिक कन्वर्टर की अधिक उपयोगिता के कारण इसे आर्नो कन्वर्टर के बदले इलेक्ट्रिक लोको में लगाया जा रहा है। अतः इसमे कुछ नए रिले भी लगे है।
         

1.रिले QCON
ये रिले , रिले पैनल या रिले पैनल के पीछे दीवाल पर लगी रहती है। ये स्टेटिक कन्वर्टर की कम की जांच करती है। ये वोल्टेज सेंसर के द्वारा एनेरज़ाइएज़ होकर LSCHBA(बैटरी चार्जर लैंप) को बुझाती है। इसके एनेरज़ाइएज़ होने पर ही कम्प्रेसर का चलना संभव होता है। इसको आवश्यकता पड़ने पर एनेरज़ाइएज़ अवस्था में वेज़ कर सकते हैं।

2. रिले QTD
यह रिले पैनल पर या रिले पैनल के पीछे दीवाल पर लगी रह सकती है। इसमें 5 सेकंड का टाइम डिले है। यदि BLCPA या BLCPD स्विच "ON" है तब यह रिले QCON रिले के एनेरज़ाइएज़ होने के 5 सेकंड बाद एनेरज़ाइएज़ होती है। इसके एनेरज़ाइएज़ होने पर ही कंप्रेसर काम करेंगे। QTD रिले को आवश्यकता पड़ने पर एनेरज़ाइएज़ अवस्था मे वेज़ किया जा सकता है।
अथार्त रिले QCON और रिले QTD101 , कंप्रेशर को अन्य ऑक्सीलियरी मोटरों से बाद में चलाती है।
नोट:- रिले QCON या रिले QTD101 को वेज़ करने पर LSCHBA(बैटरी चार्जर लैंप) बुझने के 15 सेकंड बाद BLCPA (कंप्रेशर का स्वीच) "ON" करेगे।

3.रिले QSVM
यह रिले ब्लोअर मोटर के कॉन्टैक्टर C105, C106, C107 को ऑफ लोड में बंद कराती है। इसमे 2 सेकंड का टाइम डिले है। DJ ऑन करने के बाद BLVMT को ऑन करने पर ऑक्सीलियरी कॉन्टैक्टर को ON लोड आपरेशन से बचाने के लिए  SIV बन्द होकर  2 सेकंड बाद पुनः इस रिले के द्वारा स्टार्ट होता है।
इस रिले के एनेरज़ाइएज़ होने के लिए निम्नलिखित शर्त है।
1. CCA फ्यूज ठीक होना चाहिए।
2. DJ क्लोज हिना चाहिए।
3.BLVMT,(ब्लोअर मोटर का स्वीच) "ON"होना चाहिये।
4.बैटरी वोल्टेज 60 बोल्ट से ज्यादा होना चाहिए।

4.रिले QSIT
यह रिले दो तरह की हो सकती है।
1.टारगेट वाली रिले QSIT:- इसमे LSSIT लैंप नही होती हैं।
2.प्लंजर टाइप रिले QSIT:- इसमें LSSIT लैंप है।
SIV फिटेड लोको में यह रिले ऑक्सीलियरी पावर सर्किट की सेफ्टी रिले है। ऑक्सीलियरी पावर सर्किट में काज उपकरणों में आये ओवर करेंट या अर्थ फाल्ट की घटना होने पर ये सेंसर के द्वारा एनेरज़ाइएज़ होती हैं और MTDJ ब्रांच पर लगे यह रिले अपने NCI(नॉर्मली क्लोज्ड इंटरलॉक) को खोलकर DJ ट्रिप कराती है। पायलट लैंप LS-SIT को जलाती है।
यदि QSIT रिले टारगेट वाली है तो टारगेट गिराती है। जिससे लोको की सुरक्षा हो जाती है।
रिले QSIT के द्वारा लोको के ट्रिप का संदेश  माइक्रोप्रोसेसर डिस्प्ले यूनिट और SIV के पैनल पर लगे स्क्रीन पर देखा जा सकता है। 

Saturday 6 July 2019

ट्रैन का लाइव रिजर्वेशन चार्ट कैसे देखें

अब भारतीय नागरिकों के भारतीय रेल नित्य दिन सुविधा उपलब्ध कराने में प्रतिबद्ध है। भारतीय रेल में अब आप ट्रैन चार्ट निकलने के बाद उपलब्ध सीट की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। रनिंग ट्रैन अथार्त ट्रैन के डिपार्चर आरंभिक स्टेशन से हो जाने के बाद भी अगले नेक्स्ट स्टेशन की सीट उपलब्धता प्राप्त कर सकते है।
इसके लिए आपको निम्न प्रक्रिया करनी होगी।
सवर्प्रथम आपको किसी भी सर्च इंजन में या गूगल सर्च इंजन में "ऑनलाइन रिजर्वेशन चार्ट " लिखना है।
 
उपरोक्त चित्र में पहला url Reservation Chart-irctc पर  क्लिक करके इसका वेबसाइट खोले। जिस पर निम्न मेंनु आयेेगी।
अब उपरोक्त चित्र में तीन ऑप्शन आया है।
1.ट्रैन नेम/नंबर:- इसमे  उस ट्रैन का नाम डालना है जिस ट्रैन की आप चार्ट देखना चाहते है।
2. दिनांक यानी वह ट्रैन जिसका आपने ट्रेन नंबर डाला है वह ट्रैन ओरिगिनेटिंग (आरंभिक) स्टेशन से किस दिन को खुली है। यदि लंबी दूरी की ट्रेन है तो हो सकता है वह आज अथार्त वर्तमान में किसी मध्यवर्ती स्टेशन पर हो
3. इसमे उस स्टेशन का नाम डालना है जहाँ से आप इस ट्रेन की चार्ट देखनी है।
उपरोक्त तीनो डेटा एंट्री करने के बाद आपको 
GET TRAIN CHART
पर क्लिक करना है। 
इसके उपरांत निम्न मेनू आएगा जिसमे कोच के प्रकार SECOND AC(2A) THIRD AC(3A) SLEEPER CLASS (SL) 
ऊपर के चित्र में जिस क्लास का स्टेटस देखना है उस पर क्लिक करे।

इसके बाद आप जिस क्लास को क्लिक किये है उसी के अनुरूप कोच संख्या प्रदर्शित होगा।
जैसे AC कोच के SECOND AC के लिए A-1, A-2 AC 3कोच(बोगी) के लिए  B-1, B-2 और स्लीपर कोच के लिए S-1,S-2,S-3 इत्यादि जो निम्न प्रकार से होगा।
इसमें कहाँ से कहाँ तक सीट occupied है। और vaccant है। वह पता चल पायेगा।
THANKS FOR WATHCHING 

Friday 5 July 2019

👍 फीडिंग पावर सर्किट इलेक्ट्रिक लोको


25 KV 50 Htz AC सप्लाई OHE(ओवर हेड एक्सटेंशन) के कांटेक्ट वायर से लोको के पेंटो रूफ बार के द्वारा DJ(ACB) एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर या VCB ( वैक्यूम सर्किट ब्रेकर) तक आती है। जब DJ को बंद अथार्त क्लोज्ड किया जाता है। तो AC की सप्लाई मेन ट्रांसफार्मर में चली जाती है।
मेन ट्रांसफार्मर एक ऑटो ट्रांसफार्मर होता है। जिसमे सिंगल बाइंडिंग होती है। और इसमें 'O' सहित 32 टेप्स होते है। यह ट्रांसफार्मर एक अल्युमिनियम से बने टैंक में स्थित होते है। इस टैंक में तापरोधी और कुचालक तेल भरा होता हैं। ट्रांसफार्मर ऑयल को Forced Air cooling method के द्वारा ठंडा किया जाता है। ट्रांसफार्मर ऑयल को ठंडा रखने के लिए इस ऑयल को एक पंप (MPH) के द्वारा रेडियेटर में CIRCULATE (घुमाया) जाता है। जहाँ इसे ब्लोअर (MVRH) के द्वारा ठंडा किया जाता हैं।
ट्रांसफार्मर टैंक में निम्नलिखित 5 वाइंडिंग होती है।
1. ऑटो ट्रांसफार्मर (TFWA) 33 टेप्स के साथ
2. ट्रैक्शन ट्रांसफार्मर की प्राइमरी वाइंडिंग (TFP)
3. ट्रेक्शन ट्रांसफार्मर की सेकंडरी वाइंडिंग संख्या-1(TFP-1)
4. ट्रेक्शन ट्रांसफार्मर की सेकंडरी वाइंडिंग संख्या-2 (TFP-2)
5. ट्रांसफार्मर की ऑक्सीलियरी वाइंडिंग (TFWA)
ट्रांसफार्मर वाइंडिंग से बिजली की सप्लाई प्रदान करने या प्राप्त करने के लिए बुशिंग का उपयोग किया जाता है,जो ट्रांसफार्मर टैंक पर स्थित रहता है।
ट्रांसफार्मर टैंक पर स्तिथ कुछ मुख्य बुशिंग निम्नलिखित है।

1. A0 - यह bushing ट्रांसफार्मर टैंक पर MVRH (ट्रांसफार्मर टैंक के आयल को ठंडा करने वाली ब्लोअर मोटर) के ठीक नीचे लगी रहती है। इसके द्वारा मेन ट्रांसफार्मर (TFWR) तथा TFP प्राइमरी वाइंडिंग को अर्थ किया जाता है।

2. A33 - इसे रूफ बुशिंग भी कहा जाता है। इसके द्वारा MAIN TRANSFORMER (TFWR) को सर्किट ब्रेकर DJ/VCB से हाई वोल्टेज की सप्लाई प्राप्त होती है। यह SMGR के बगल में ट्रांसफार्मर टैंक पर स्तिथ है।
3. यह भी एक प्रकार की बुशिंग है। इस बुशिंग के द्वारा TFP प्राइमरी वाइंडिंग को हाई वोल्टेज सप्लाई मिलती है। यह PHGR के बगल में ट्रांसफार्मर टैंक पर स्तिथ है।
4. A0-A1 और A7-A8 :- इस बुशिंग के द्वारा TFP-1 और TFP-2 की बिजली की सप्लाई प्राप्त होती हैं। यह MPH के बगल में ट्रांसफार्मर टैंक पर स्तिथ है।

फीडिंग पावर सर्किट में निम्नलिखित उपकरण रहते है।
(1.)PT-1   (2.)HPT1+2   (3.)ET1+2 रूफ बार  (4.) DJ/VCB सर्किट ब्रेकर , TFILM (सेफ्टी रिले QLM का टांसफार्मर), सेफ्टी रिले QLM, HOM, मेन ट्रांसफार्मर, GR(ग्रेज़ुएटर) TFP
PT-1 और PT-2 (पेंटोग्राफ):- यह एक करंट कलेक्टर है जो  OHE में प्रवाहित 25 KV से करंट की सप्लाई कलेक्ट कर DJ/VCB (सर्किट ब्रेकर) के बंद रहने पर TFWR (मेन ट्रांसफार्मर) को रूफ बुशिंग (A-33) के माध्यम से पहुँचाती है। PT-1 और PT-2 लोको की छत पर 4 बेस इंसुलेटर पर लगा है।
HPT-1 और HPT-2 :- यह पेंटो असेम्बली के पास लगा रहता है। दिखने में रूफ बार की तरह लगता है। इसे पेंटो का ग्राउंडिंग स्विच कहते है। इसकी मदद से PT को इलेक्ट्रिकली आएसोलेट किया जाता है।
रूफ बार :- यह धातु का बना हुआ बेलनाकार उपकरण है। जो इंसुलेटर पर लोको की छत पर लगी रहती है। इसी के द्वारा या माध्यम से विधुत धारा DJ/VCB सर्किट ब्रेकर तक जाती है।
सर्ज अर्रेस्टर ET-1 और ET-2
ET-1 :- यह लोको की छत पर लगा रहता है। इसे सर्ज अरेस्टर या लाइटिंनिंग अर्रेस्टर भी कहा जाता है। ये DJ/VCB की खुली अवस्था मे और पेंटो की बंद अवस्था मे DJ/VCB सर्किट ब्रेकर के ऊपर अथार्त पहले के उपकरणों की सुरक्षा करता है। इसका स्पार्क गैप 180-210 mm तक होता है।
ET-2 :- इसे सर्ज अर्रेस्टर फ़ॉर एक्सेस OHE सप्लाई कहते है। ET-2 DJ बंद होने के बाद सर्विस में आता है। ET-2 स्पार्क गैप 70-90 mm होता है।

WDG4 DIESEL LOCO POWER DISTRIBUTION

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