Wednesday 29 August 2018

मुगल साम्राज्य की राजशाही महिलाए


उमर शेख मिर्जा
ऐसान दोंलत बेगम :- ये बाबर की दादी थी। उमर शेख मिर्ज़ा की मृत्यु (1494 ई.) के समय बाबर को 11 वर्ष की अल्पायु में फरगना का राज्य सौपक़र उसका राज्याभिषेक किया।
कुतलुब निगार खानम :- बाबर की माता और उमर शेख मिर्ज़ा की पत्नी थी।
खान जादा बेगम :- बाबर की बहन और समरकन्द के शेबानी खाँ की पत्नी थी।
माहिम बेगम :- यह बाबर की तीसरी पत्नी थी और हुमायूँ की माँ थी। हुमायूँ का जन्म 6 मार्च 1508 ई. को काबुल में हुआ था।
गुलबदन बेगम :- यह बाबर की पुत्री और हुमायूँ की बहन थी। इनका जन्म 1523 ई. के लगभग हुआ था। हुमायूंनामा की रचियता थी यह दो भागों में है।
बेगा बेगम:- यह हुमायूँ की पटरानी थी जिसे शेरशाह ने बंदी बना लिया था।
 हमीदा बानो बेगम :- इनका विवाह हुमायूँ के साथ 29 अगस्त,1541 ई. में हुआ था। हिन्दाल के आध्यात्मिक गुरु मीर अली अकबर जामी (बाबा दोस्त) की पुत्री थी। हमीदा बानो बेगम के गर्भ से अमर कोट के राजा वीरसाल नामक राजा के घर मे अकबर का जन्म हुआ था। जो आगे चलकर भारत का प्रतापी समार्ट बना था।
हाजी बेगम :- ये हुमायूँ की पत्नी थी। इसी ने "हुमायूँ का मकबरा" बनवाया था। इसका कारीगर ईरानी था। "हुमायूँ का मकबरा" की शैली ईरानी है।
जीजी अनंगा:- अकबर की आया थी। इनके पति शमशुद्दीन ने 1540 ई. में कन्नोज की लड़ाई में पराजित हुमायूँ को डूबने से बचाया था। इन्हें अतगा ख़ाँ की उपाधि प्रदान की गई थी।
माहम अनंगा :- यह अकबर की बड़ी आया थी बैरम खान के मक्का भेजने में इसी का हाथ था। बैरम खान अकबर का सरंक्षक था।
सलीमा बेगम :- अकबर के संरक्षक बैरम खान की पत्नी थी। बैरम खान के पुत्र अब्दुर्रहीम को अकबर को ऊँचे पद दिया था। बैरम खान के मरने के  पश्चात अकबर ने सलीमा बेगम से विवाह कर लिया था। 1584 ई. में ख़ानख़ाना की उपाधी दी।
मरियम उज जामिनि:- यह अकबर की पत्नी और आमेर के कछवाहा राजपूत राजा "भारमल" की पुत्री थी। 1562 ई. में सांभर में अकबर के साथ विवाह हुआ था। ये जहांगीर की माता थी। अकबर की प्रधान साम्रागी थी। इन्हें अकबर के मक़बरा (सिकंदरा) से 2 फर्लांग की दूरी पर दफनाया गया।जिसे सिकंदर लोदी की बारादरी या "ईसाई बेगम" का मकबरा कहते है।
* रुकिया बेगम या तुर्की सुल्ताना : अकबर की प्रथम बेगम , संभवत हिंदाल की पुत्री थी।
* हरखा बाई: अकबर की पत्नी और मरियम उज जामिनी की बहन थी।
* बरखतुनिया बेगम: अकबर के काबुल राज्य की गवर्नर मिर्ज़ा हकीम की बहन थी।
* जगत गोसाई : जहांगीर की पत्नी और मारवाड़ के शासक मोता राजा उदय सिंह की पुत्री थी। शाहजहां (खुर्रम) की मां थी। शाहजहां के साथ हिन्दू रीति रिवाजों के साथ विवाह हुआ था।
* मानबाई : इनका विवाह जहांगीर के साथ 1585 ई. में हिन्दू और मुस्लिम दोनों रिती रिवाजों से हुआ था। यह आमेर के राजा भगवान दास की पुत्री थी। आमिर खुसरो की माता थी। इन्हें "शाह बेगम" का पद प्राप्त था। इनकी मृत्यु के बाद जहांगीर 4 दिनों तक भूखा रहा था।
* मेहरुन्निसा (नूरजहां) : फारस के मिर्ज़ा ग्यास बेग और अस्मत बेगम की पुत्री थी। जहांगीर की पत्नी थी। इनका जन्म कंधार में और विवाह अली कुली बेग से हुआ था। अली कुली बेग को "शेर अफगान" की उपाधि प्राप्त थी। शेर अफगान के मृत्यु के बाद "नूरजहां" और उसकी पुत्री "लाड़ली बेगम" को अकबर की पत्नी "सलीमा बेगम" की सेविका बनाया गया।
* 1611ई. में " "नौरोज" पर्व पर जहांगीर ने उसे देखा और नूरजहां से विवाह कर लिया। नूरजहां की पुत्री का विवाह शहरयार के साथ हुआ।
* नूरजहां की भाई "आसिफ खान" की पुत्री " अर्जुबंद बानो बेगम" का विवाह खुर्रम(शाहज़हां) के साथ हुआ। जब वह अपने जमाता(दामाद) का पक्ष लेने लगी तो शांजहा उसका विरोधी हो गया। नूरजहां झरोखा दर्शन देती थी। 1613 ई. में इन्हे "बादशाह बेगम" अथवा पट्ट महिषी बनाया गया था।
* अस्मत बेगम : गुलाब से इत्र बनाने की कला इसी ने इजाद की थी। यह नूरजहां की मां थी।
* लाड़ली बेगम : यह नूरजहां की शेर अफगान(अली कुली बेग) से उत्त्पन्न पुत्री थी। इसी का विवाह शहरयार (उपनाम_खुदर मुर्ज, नैशुदरी, निख्ट्टू) के साथ हुआ था।
* अर्जुमंद बानो बेगम : यह नूरजहां के भाई आसिफ खां की पुत्री थी। इसका जन्म 15940 ई. में हुआ था। 1612 ई. में विवाह शहजादा खुर्रम( शाहजाहा) से हुआ था। इसे "मलिक ए जमली" की उपाधि दी गई। मुमताज़ महल के नाम से प्रसिद्ध हुई। इसके 14 बच्चे हुए। "शाही मुहर" इसके अधिकार में था। 17 जनवरी , 1631 ई. को प्रसव पीड़ा के दौरान(जब शांजाहा "दक्षिण विजय" में व्यस्त था) मृत्यु हो गई। इसे बुरहानपुर के बाग में दफनाया गया। बाद में ताजमहल में दफनाया गया। सती उन्निसा खानम इसकी सलाहकार थी।
* रोशनआरा : यह शाहजहां की पुत्री थी। औरंगज़ेब, दारा, मुराद, शुजा की बहन थी। इस्लाम शिक्षा के लिए दिल्ली में " बेतुल इस्लाम केंद्र" की स्थापना की थी।
* जहांआरा : यह शाहजहां की दूसरी पुत्री थी। इससे शाहजहां को विशेष लगाव था।
* बेगम नादिरा : यह शाहजहां के पुत्र "दारा" की पत्नी थी।
* दिलरास बानो बेगम : यह शाहजहां के पुत्र "औरंगज़ेब" की पत्नी थी। इसका विवाह औरंगज़ेब से 18 मई, 1637 ई. में हुआ था। यह फारस के राजघराने शाहनवाज़ की पुत्री थी।
* राबिया उद दौरानी : यह औरंगज़ेब की पत्नी थी। इसका मकबरा औरंगाबाद में है।




Wednesday 22 August 2018

अटल बिहारी वाजपेयी :-एक सर्वमान्य नेता और प्रतीक पुरुष (भाग-एक)


अटल बिहारी वाजपेयी
संयुक्त राष्ट्रसंघ मे पहली बार हिंदी  मे भाषण देने वाले इसअति असाधारण व्यक्ति ने भारत  का सर गर्व से ऊँचा कर दिया। पोखरण परमाणु विस्फोट कर उन्होंने जबरदस्त इच्छा शक्ति का परिचय दिया।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर के शिंदे की छावनी में २५ दिसम्बर ,१९२४ को अध्यापक कृष्णा बिहारी वाजपेयी के घर में हुआ था।  इनकी प्राम्भिक शिक्षा  स्वरस्ति विद्यालय में हुईं थी। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से अपनी स्नातक की पढाई पूरी की इनका बचपन आगरा के बटेश्वर में बिता था। आगरा के की प्रताप नगर में ही अटल जी के बहन कमला दिश्चित का परिवार रहता था अटल जी ने कानपूर के डी.ए.भी कॉलेज से राजनीती शास्त्र से परास्नातक किया। इसके बाद इन्होने इसी कॉलेज से वकालत की पढाई की बेटे को वकालत करते देख कर अटल जी के पिता जी भी ने डी. ए .भी कॉलेज ,कानपूर से ही उसी साल एल.एल.बी में दाखिला ले लिया पिता -पुत्र एक ही क्लास में बैठकर पढाई करते थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने पत्रकारिता से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यपत्र पाञ्चजन्य ,राष्ट्रधर्म और वीरअर्जुन जैसे अखवारो का संपादन किया। उन्होंने संसद में तीन दशक, अमर बलिदान (लोकसभा मर वक्तव्यों का संग्रह ) ,राजनीती की रपटीली राहे ,बिंदु बिंदु विचार ,अमर आग है ,मेरी इक्यावन कविताये , कैदी कविराय की कुण्डलिया इत्यादि इनकी अदभुत रचनाये है।

अपमानों में , सम्मानों में , उन्नत मस्तक ,उभरा सीना ,  
पीड़ाओं में चलना होगा , कदम मिलाकर चलना होगा |

अटल जी अपने पुरे जीवन में इसी पंक्तियों को चरितार्थ किया इसीलिए सत्ता दल व विरोधी दल के ये सर्वंमान्य रहे है। 1951 ई. में भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य बने। १९५५ लोकसभा चुनाव  पहली बार लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली पुनः 1957 ई . में बलरामपुर (गोंडा ) से पहली बार जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर लोकसभा के सदस्य बने 1962 से 1967 ई.  और 1986 ई . में राज्यसभा के सदस्य भी रहे इसी बीच 1968 ई.से 1973 ई. तक  में भारतीय  जनसंघ के अध्यक्ष बने।
1957 से 1977 ई. तक जनता पार्टी की स्थापना तक वे लगातार 20 वर्षो तक जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे
1962 ई. में बलरामपुर (गोंडा ) से लोकसभा का चुनाव् कांग्रेस क्र सुभद्रा जोशी से हार गए तो इन्होने सीधे जनता से संवाद करके पूछा की ऐसी कौन सी वजह रही की उन्हें हार का सामना करना पड़ा  और अटल जी पुनः 1967 ई. में इसी बलरामपुर सीट से चुनाव जीते।
1977 ई. में भारतीय जनसंघ पार्टी ने भारतीय लोकदल के साथ गठबंधन कर जनता पार्टी का निर्माण किया । यह पार्टी बहुत कम समय मे लोकप्रिय हो गयी। मोरारजी देसाई को 298 सीटों पर विजय मिली।
अटल जी ,मोरारजी देसाई की जनता पार्टी की सरकार में 1977 ई. से 1978 ई. तक विदेश मंत्री रहे और विदेशो में भारत की प्रतिष्ठा बढाई।
1979 ई. में मोरारजी सरकार विश्वास मत खो दिया और जून, 1980 में कांग्रेस की मदद से चौधरी चरण सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया, लेकिन बाद में कांग्रेस पीछे हट गई। तब चरणसिंह ने जनवरी,1980 ई. में लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दिया।
1980 ई. हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 351 सीट मिली और कांग्रेस की सरकार बनी।
1980 ई में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर अटल जी ने लाल कृष्ण आडवाणी और भैरोंसिंह शेखावत की मदद से भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की और संस्थापक सदस्य भी रहे। इसप्रकार 6 अप्रैल , 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का कार्यभार सौंपा गया। इस प्रकार वे भारतीय जनता पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए।
1984 ई. में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा को मात्र 2 सीटों पर विजय मिली जिसमे एक हासनकोड़ा(आंध्रप्रदेश) के चंदुपाटिया रेड्डी ने पी. वी. नरशिंवहा राव को 54158 वोटों से हराया था। दूसरी सीट गुजरात की मेहसाणा  थी। 31 अक्टूबर , 1984 को श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या सिख गार्डो के द्वारा गोली मार कर दिया गया था। इसी सहानुभूति के लहर का फायदा उठाकर कांग्रेसी सरकार ने राजीव गांधी के नेतृत्व में सरकार बनायीं।
6 अगस्त ,1988 ई. में विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में 5 पार्टियों के गठबंधन में नेशनल फ्रंट बनाया गया जिसे भाजपा और वाम दलों का समर्थनबाहर से था। बोफोर्स कांड,पंजाब में आंतकवाद ,श्रीलंका के एलटीटी उग्रवादी समस्याओं से त्रस्त कांग्रेस के मुख्य विरोधी विश्वनाथ प्रताप सिंह थे। जिन्होंने राजीव गांधी को बोफोर्स तोपों के सौदो में लपेटकर जनता को यह विस्वास दिलाने में कामयाबी पायीं की उच्चतम स्तर पर भ्रस्टाचार फैला है और वे ही सत्ता में आने के बाद इसका खुलासा कर देंगे। जनता उनके इस वादे पर विस्वास कर हाथों हाथ लिया।
 1989 में नोवी लोकसभा के चुनाव में नेशनल फ्रंट को 146 सीट मिली , भाजपा को 86 सीटों पर सफलता मिली और वामदलों के पास 52 सांसद थे। इसप्रकार भाजपा और वाम दलों के बाहरी समर्थन से श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह 2 दिसंबर,1989 को भारत के दसवें प्रधानमंत्री बने। देवीलाल उपप्रधानमंत्री बने।
अटल जी , राजनीतिक कूटनीति के चाल चलते हुए सरकार बी.पी.सिंह से  समर्थन वापस ले लिया तो 10 दिसम्बर, 1990 को विस्वास मत हारने के बाद बी.पी.सिंह ने इस्तीफा दे दिया।
इसी बीच चंद्रशेखर (बलिया के सांसद) 64 सांसद लेकर जनता दल से अलग हो गए और समाजवादी जनता दल के नाम से पार्टी बनायी। और कांग्रेस की बाहरी समर्थन से सरकार बनाई ,10 नवम्बर 1999 ई. को देश के 11वें प्रधानमंत्री बने। लेकिन कांग्रेस के दवाबों में नही आने के कारण उन्हें 20 जून 1991 को इस्तीफा देना पड़ा। ये युवा तुर्क नाम से महशूर थे।
नवमीं लोकसभा के गठन के 16 माह बाद ही मध्यावदी चुनाव का बिगुल बज गयी। 



Sunday 19 August 2018

UTI :- SIP

APNI TARAKKI KI SPEED KHUD DECIDE KARO

Invest in an avenue which may allow you to meet your financial goals,no matter how unrealistic they may seem! SIP allows you to invest a fixed amount in Mutual Funds regularly that may give you an opportunity for wealth creation . Start your Systematic Investment Plan today!

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Cricketers take strategic timeouts-breaks amid the game to decide their future course of action . To win the investment game, you too must take time out to analyse your investments' performance.

Saturday 4 August 2018

◆◆ आयुष्मान भारत योजना ◆◆

आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल ,2018 को डॉ भीमराव अम्बेडकर की जन्म दिवस पर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से आधिकारिक घोषणा की। इस अवसर पर इन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना केवल सेवा प्रदान तक ही सीमित नही रहेगी बल्कि इसमे सार्वजनिक भागीदारी को सजग रूप से बढ़ायी जाएगी जिससे हम एक स्वस्थ, शशक्त और खुशहाल भारत का निर्माण कर सके।
आयुष्मान भारत
    सन 2015 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और इनके सदस्य राष्ट्रों ने सतत विकाश लक्ष्यों को स्वीकार कर "सबके लिये स्वास्थ्य" सुनिश्चित करने का प्रतिबंधता व्यक्त की - किसी भी इंसान को कही भी बिना किसी वितीय कठिनाई के अनिवार्य गुणवत्ता-पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। सयुक्न्त राष्ट्र संघ के 2030 एजेंडा में  17 विकाश लछ्य,169 प्रायोजन निर्धारित किये गए है। उन सबके लिए मानवाधिकार सुनिश्चित करने और सभी महिलाओं और बालिकाओ के लिंग समानता हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यसूची में  जन स्वास्थ्य के लिए  मजबूत राजनीतिक प्रतिबदता का प्रावधान है। विश्व समुदाय का भाग होने के कारण भारत, वैश्विक आदेश को हासिल करने के लिए सतत प्रयास करते रहता है।
अप्रैल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद भारत के स्वास्थ्य बजट में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई हैं। राष्ट्रीय एवं स्वास्थ्य मंत्रालय का 2012-13 में 14103 मिलीयन अमेरिकी डॉलर था। 2017-18 में 21476 मिलियन डॉलर था।भारत सरकार 15 अगस्त 2018 को एक साथ पूरे भारत मे आयुष्मान भारत योजना लागू करने जा रही हैं।आयुष्मान भारत योजना वर्तमान में जारी दो योजनाओं 1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 2.वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल हो जायेगा।
आयुष्मान भारत योजना में दो प्रमुख लक्षय है।
 1. सम्रग प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध कराने के लिएदेशभर में स्वास्थ्य और देखभाल केंद्रों का एक विशाल नेटवर्क स्थापित किया जाना है। ये केंद्र सभी चिन्हित गरीब परिवारों को निशुल्क चिकिस्ता और दवाइयां उपलब्ध कराएगा। इसको सुनिश्चित करने के लिए सयुंक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यो (युएन-एसडीजी) के अनुसार कोई भी(विशेषकर महिलाएं, बच्चें और बुजुर्ग) छूट न जाये। योजना में परिवार के सदस्यों कु संख्या और आयु को हटा दिया गया है। इसमे अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व और बाद के व्यय को समाहित किया जाएगा। इसमें परिवहन भत्ते भी समाहित रहेंगे।
2. इस योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य  संरक्षा योजना (एनएचपीएस) के नाम से जाना जाएगा। आयुष्मान भारत के इस दूसरे संरक्षा लक्ष्य के दायरे में 10 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों को शामिल किया जाना है।जिन्हें प्रति वर्ष प्रति परिवार को अस्पताल की दूसरी और तीसरी देखभाल के लिए 5 लाख तक की बीमा कवरेज की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे परिवार इसमें समाहित किए जाने है जिनके पास कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ केवल एक कमरा है। परिवार में 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो । महिला प्रधान वाला परिवार जिसमे 16 से 59 आयु के कोई वयस्क पुरूष सदस्य नहीं हो। परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य और परिवार में शारीरिक योग्य वयस्क सदस्य नहीं है। अजा/अजजा परिवार और भूमिहीन परिवार जिनकी आय का मुख्य भाग मैनुअल कैजुअल श्रम् से आता हो। ग्रामीण क्षेत्रों में निमनलिखित में से कोई भी परिवार स्वत ही इसमें समाहित हो जायेगा, अष्याहीन परिवार, निराश्रित, भिश्चा पर आश्रित, आदिवासी जनजातीय समुदाय, मैनुअल कूड़ा धोने वाले परिवार, कानूनी रूप से बंधुआ श्रम से मुक्त व्यक्ति और शहरी क्षेत्रों के लिए योजना के अंतर्गत 11 परिभाषित पेशेवर श्रेणियां पात्र हैं। आईआई

WDG4 DIESEL LOCO POWER DISTRIBUTION

 इंजन स्टार्ट होते ही मेन बैंक सापट के गियर से चाल लेकर Auxiliary जनरेटर का आमेचर घूमना शुरू कर देता है जो स्वंय के बनाये गये करन्ट से इसकी ...