आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल ,2018 को डॉ भीमराव अम्बेडकर की जन्म दिवस पर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से आधिकारिक घोषणा की। इस अवसर पर इन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना केवल सेवा प्रदान तक ही सीमित नही रहेगी बल्कि इसमे सार्वजनिक भागीदारी को सजग रूप से बढ़ायी जाएगी जिससे हम एक स्वस्थ, शशक्त और खुशहाल भारत का निर्माण कर सके।
सन 2015 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और इनके सदस्य राष्ट्रों ने सतत विकाश लक्ष्यों को स्वीकार कर "सबके लिये स्वास्थ्य" सुनिश्चित करने का प्रतिबंधता व्यक्त की - किसी भी इंसान को कही भी बिना किसी वितीय कठिनाई के अनिवार्य गुणवत्ता-पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। सयुक्न्त राष्ट्र संघ के 2030 एजेंडा में 17 विकाश लछ्य,169 प्रायोजन निर्धारित किये गए है। उन सबके लिए मानवाधिकार सुनिश्चित करने और सभी महिलाओं और बालिकाओ के लिंग समानता हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यसूची में जन स्वास्थ्य के लिए मजबूत राजनीतिक प्रतिबदता का प्रावधान है। विश्व समुदाय का भाग होने के कारण भारत, वैश्विक आदेश को हासिल करने के लिए सतत प्रयास करते रहता है।
अप्रैल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद भारत के स्वास्थ्य बजट में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई हैं। राष्ट्रीय एवं स्वास्थ्य मंत्रालय का 2012-13 में 14103 मिलीयन अमेरिकी डॉलर था। 2017-18 में 21476 मिलियन डॉलर था।भारत सरकार 15 अगस्त 2018 को एक साथ पूरे भारत मे आयुष्मान भारत योजना लागू करने जा रही हैं।आयुष्मान भारत योजना वर्तमान में जारी दो योजनाओं 1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 2.वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल हो जायेगा।
आयुष्मान भारत योजना में दो प्रमुख लक्षय है।
1. सम्रग प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध कराने के लिएदेशभर में स्वास्थ्य और देखभाल केंद्रों का एक विशाल नेटवर्क स्थापित किया जाना है। ये केंद्र सभी चिन्हित गरीब परिवारों को निशुल्क चिकिस्ता और दवाइयां उपलब्ध कराएगा। इसको सुनिश्चित करने के लिए सयुंक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यो (युएन-एसडीजी) के अनुसार कोई भी(विशेषकर महिलाएं, बच्चें और बुजुर्ग) छूट न जाये। योजना में परिवार के सदस्यों कु संख्या और आयु को हटा दिया गया है। इसमे अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व और बाद के व्यय को समाहित किया जाएगा। इसमें परिवहन भत्ते भी समाहित रहेंगे।
2. इस योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षा योजना (एनएचपीएस) के नाम से जाना जाएगा। आयुष्मान भारत के इस दूसरे संरक्षा लक्ष्य के दायरे में 10 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों को शामिल किया जाना है।जिन्हें प्रति वर्ष प्रति परिवार को अस्पताल की दूसरी और तीसरी देखभाल के लिए 5 लाख तक की बीमा कवरेज की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे परिवार इसमें समाहित किए जाने है जिनके पास कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ केवल एक कमरा है। परिवार में 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो । महिला प्रधान वाला परिवार जिसमे 16 से 59 आयु के कोई वयस्क पुरूष सदस्य नहीं हो। परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य और परिवार में शारीरिक योग्य वयस्क सदस्य नहीं है। अजा/अजजा परिवार और भूमिहीन परिवार जिनकी आय का मुख्य भाग मैनुअल कैजुअल श्रम् से आता हो। ग्रामीण क्षेत्रों में निमनलिखित में से कोई भी परिवार स्वत ही इसमें समाहित हो जायेगा, अष्याहीन परिवार, निराश्रित, भिश्चा पर आश्रित, आदिवासी जनजातीय समुदाय, मैनुअल कूड़ा धोने वाले परिवार, कानूनी रूप से बंधुआ श्रम से मुक्त व्यक्ति और शहरी क्षेत्रों के लिए योजना के अंतर्गत 11 परिभाषित पेशेवर श्रेणियां पात्र हैं। आईआई
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आयुष्मान भारत |
आयुष्मान भारत योजना में दो प्रमुख लक्षय है।
1. सम्रग प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध कराने के लिएदेशभर में स्वास्थ्य और देखभाल केंद्रों का एक विशाल नेटवर्क स्थापित किया जाना है। ये केंद्र सभी चिन्हित गरीब परिवारों को निशुल्क चिकिस्ता और दवाइयां उपलब्ध कराएगा। इसको सुनिश्चित करने के लिए सयुंक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यो (युएन-एसडीजी) के अनुसार कोई भी(विशेषकर महिलाएं, बच्चें और बुजुर्ग) छूट न जाये। योजना में परिवार के सदस्यों कु संख्या और आयु को हटा दिया गया है। इसमे अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व और बाद के व्यय को समाहित किया जाएगा। इसमें परिवहन भत्ते भी समाहित रहेंगे।
2. इस योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षा योजना (एनएचपीएस) के नाम से जाना जाएगा। आयुष्मान भारत के इस दूसरे संरक्षा लक्ष्य के दायरे में 10 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों को शामिल किया जाना है।जिन्हें प्रति वर्ष प्रति परिवार को अस्पताल की दूसरी और तीसरी देखभाल के लिए 5 लाख तक की बीमा कवरेज की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे परिवार इसमें समाहित किए जाने है जिनके पास कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ केवल एक कमरा है। परिवार में 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो । महिला प्रधान वाला परिवार जिसमे 16 से 59 आयु के कोई वयस्क पुरूष सदस्य नहीं हो। परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य और परिवार में शारीरिक योग्य वयस्क सदस्य नहीं है। अजा/अजजा परिवार और भूमिहीन परिवार जिनकी आय का मुख्य भाग मैनुअल कैजुअल श्रम् से आता हो। ग्रामीण क्षेत्रों में निमनलिखित में से कोई भी परिवार स्वत ही इसमें समाहित हो जायेगा, अष्याहीन परिवार, निराश्रित, भिश्चा पर आश्रित, आदिवासी जनजातीय समुदाय, मैनुअल कूड़ा धोने वाले परिवार, कानूनी रूप से बंधुआ श्रम से मुक्त व्यक्ति और शहरी क्षेत्रों के लिए योजना के अंतर्गत 11 परिभाषित पेशेवर श्रेणियां पात्र हैं। आईआई
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