Monday 14 January 2019

भारत के सरकारी हॉस्पिटल में ऑनलाइन ओपॉइंटमेंट शुरू

आज भारत मे हॉस्पिटल के सामने कतारों में लगे रहते है। अपना बहुमूल्य समय नष्ट कर जाते है। इसी के मद्देनज़र हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम को निर्देशित किया जा रहा है। डिजिटल इंडिया कैंपेन के तहत NIC नेशनल इंफॉर्मेशन सेन्टर ने ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन सिस्टम विकसित किया है जिसमें गवर्मेन्ट हॉस्पिटल के विभिन्न विभागों के ऑनलाइन ओपीडी बुकिंग रोगियों के पसंद के अनुसार किया जाता हैं। इस एकीकृत ऑनलाइन आवेदन को आसानी से वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है। जिसे नेशनल डाटा सेन्टर, नई दिल्ली के मेघराज क्लाउड फैसिलिटी के द्वारा यह सेवा प्रदान किया गया है।
ORS सिस्टम को इस प्रकार ढाचागत व्यवस्थित किया गया है की पूरे देश मे सरकारी अस्पतालो के ओपीडी विभाग को ऑनलाइन सिस्टम में फ्रेमिंग करके आधार से ,यदि आधार नही है रोगियो व उनके परिजनों के मोबाइल से पंजीकृत sms के द्वारा निर्धारित किया जाता हैं।
प्रथम बार रोगी के आधार नंबर को पंजीकृत करने के लिए एक ओटीपी uiadi के द्वारा भेज कर औथिंकेट UIADI के द्वारा किया जाता है। यदि रोगी का आधार नंबर मोबाइल नम्बर से लिंक है तो नए रोगी को एक UNIQUE हेल्थ आइडेंटिफिकेशन नंबर (UHID) और E-OPD कार्ड ISSUE किया जाता है। यदि आधार नंबर पहले से ही UHID से लिंक है तब अपॉइंटमेंट नंबर पेशेंट को दे दिया जाता है। UHID नंबर हमेशा के वही रहता है।
चिकित्सीय अपॉइंटमेंट लेने के लिए नीचे दिए गए निर्देश अनुसार कार्य करें 1. मोबाइल नंबर का उपयोग कर अपने आप को सत्यापित करें 2. अस्पताल व विभाग का चयन 3. अपॉइंटमेंट हेतु तिथि का चयन 5. आधार नंबर का प्रयोग कर अपनी पहचान सुनिश्चित करें 5. अपॉइंटमेंट स्वीकृति एस. एम.एस. द्वारा प्राप्त करे। ◆◆◆●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली (ओ.आ.रएस) सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (OPD) अपॉइंटमेंट लेने के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल है जो डॉक्टर से मिलने के लिए समय की सेवा उपलब्ध कराती है व अन्य सुविधाएँ जेसे रक्त की उपलब्धता तथा पेमेंट गेटवे के माध्यम से भुक्तान करना आदि प्रदान कराती है| इसके द्वारा देश के विभिन्न अस्पतालों को जोड़ने के लिए एक प्रयास है| 1.. क्या डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए अपॉइंटमेंट लेना ज़रूरी है ? उ. हाँ ◆◆◆◆◆●●●○◆◆◆◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆◆◆ 2.अपॉइंटमेंट लेने के विभिन्न तरीके क्या हैं ? उ. रोगी अथवा उसका परिचारक या तो वेबसाइट https://ors.gov.in पर आकर OPD अपॉइंटमेंट प्राप्त कर सकता है अथवा अस्पताल में अपॉइंटमेंट व पंजीकरण काउंटर पर आकर अपॉइंटमेंट प्राप्त कर सकता है| ◆◆◆◆◆◆◆◆◇◇◆◆●●●●●●●●○●●●●●○●● https://ors.gov.in का प्रयोग कर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के क्या लाभ हैं ? उ. OPD अपॉइंटमेंट/ पंजीकरण लेने के लिए रोगी को लम्बी क़तारों में नहीं लगना पड़ता| ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆ अपॉइंटमेंट प्राप्त करने के लिए पूर्व औपचारिकताएँ/आवश्यकताएं क्या हैं? उ. नए रोगी के पास आधार नंबर व आधार के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर होना आवश्यकता है। सिस्टम यूआईडीएआई से eKYC डेटा का उपयोग कर रोगी की व्यक्तिगत जानकारी उपलब्ध कराता है। रोगी का मोबाइल नं. UIDAI के साथ पंजीकृत न होने की स्थिति में रोगी का नाम ( जैसे की ‘आधार’ में दिया गया है) उपलब्ध कराना होगा तथा UIDAI के साथ जनसांख्यिकी सम्बन्धी सत्यापन करने के बाद रोगी का मोबाइल नं. तथा अन्य विवरण जैसे पता, आयु आदि माँगा जाएगा| यदि रोगी के पास आधार न. नहीं है तब रोगी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पिता का नाम, माता का नाम व पता आदि उपलब्ध कराना होगा ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆◆ इन्टरनेट (https://ors.gov.in) अथवा अस्पताल काउंटर से अपॉइंटमेंट लेने वाले रोगियों के लिया क्या कोई कोटा ( आरक्षित संख्या ) निर्धारित किया गया है? उ. सम्बंधित अस्पतालों द्वारा निर्धारित कोटा ( आरक्षित संख्या ) सॉफ्टवेर में दिया गया है / संलग्न किया गया है| ◆◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆◆◆◆◆ नए मरीज़ द्वारा/ के लिए अपॉइंटमेंट लेने की क्या प्रक्रिया है ? उ. यदि आपके पास रोगी का आधार नं. या रोगी का मोबाइल नं. जो UIDAI के साथ पंजीकृत है, तब केवल एक बार प्रयोग के लिए पासवर्ड (OTP),UIDAI द्वारा मोबाइल पर एस.एम.एस.(SMS) किया जाएगा तथा रोगी को UIDAI पर उपलब्ध निजी जानकारी अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग (OPD) अपॉइंटमेंट के लिए प्रयोग करने की सहमति देनी होगी| रोगी का मोबाइल नं. UIDAI के साथ पंजीकृत न होने की स्थिति में रोगी का नाम ( जैसे की ‘आधार’ में दिया गया है) उपलब्ध कराना होगा तथा UIDAI के साथ जनसांख्यिकी सम्बन्धी सत्यापन करने के बाद रोगी का मोबाइल नं. तथा अन्य विवरण जैसे पता, आयु आदि माँगा जाएगा| यदि प्रयोगकर्ता के पास आधार न. नहीं है तब भी वह ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ले सकता है लेकिन अस्पताल से OPD कार्ड लेने से पूर्व रोगी का पहचान पत्र उपलब्ध कराना होगा| प्रयोगकर्ता सरकारी अस्पताल के विभाग का चयन कर सकता है जहां उसे रोगी का परीक्षण/ इलाज करवाना है | इसके बाद प्रयोगकर्ता को OPD अपॉइंटमेंट की विस्तृत जानकारी व स्वीकृति मोबाइल नं. पर मैसेज (sms) द्वारा भेजी जाएगी| ◆◆◆◆◆◆◆◇◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ अस्पताल को आधार नं. देने के क्या फायदे हैं? उ. यदि रोगी पहली बार अस्पताल आने पर ‘आधार नं.’ उपलब्ध करवाता है तो उसे ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए वैसी ही प्राथमिकता दी जाएगी जैसी अस्पताल की क़तार/ पंक्ति/ लाइन में खड़ा है और रोगी को विशिष्ट अस्पताल पहचान अंक UHID उपलब्ध कराया जाएगा| भविष्य में रोगी ऑनलाइन भुगतान करके ‘ई-बाह्य रोगी विभाग कार्ड’ (E-OPD card) प्रिंट करवा सकता है यदि रोगी अस्पताल से पुनः परामर्श/ जांच करवाना चाहता है तो उसे अपने आधार नं. को पहले की विशिष्ट अस्पताल पहचान अंक (UHID) के साथ जोड़ना चाहिए जिससे अस्पताल को उसकी बेहतर चिकित्सा के लिए EHR ( ई-स्वास्थ्य विवरण) संभालने में सहायता मिलेगी | रोगी के विशिष्ट पहचान अंक को (UHID) को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा जिससे भविष्य में अन्य अस्पतालों को भी उसका EHR ( ई-स्वास्थ्य विवरण) उपलब्ध कराया जा सके| रोगी का मोबाइल नं. UIDAI के साथ पंजीकृत न होने की स्थिति में रोगी का नाम ( जैसे की ‘आधार’ में दिया गया है) उपलब्ध कराना होगा तथा UIDAI के साथ जनसांख्यिकी सम्बन्धी सत्यापन करने के बाद रोगी का मोबाइल नं. तथा अन्य विवरण जैसे पता, आयु आदि माँगा जाएगा|

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