Tuesday 19 June 2018

सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस

यह बीमारीअधिकतर गर्दन में रीढ़ की हड्डियों में परिवर्तन की वजह से होती है, जिसकी वजह से दो रीढ़ की हड्डियों के बीच मे जगह की कमी हो जाती है। इस बीमारी में सबसे पहले गर्दन में भारीपन, फिर उसके घुमाने में परेशानी होती है। प्रवाभीत को अगल बगल देखना होता है,तो वह सिर को गर्दन एवं शरीर के साथ घुमाता है।यह इस रोग का पहला लक्षण है। इसके बाद मरीज़  "सर्वाइकल " नर्व के ऊपर दबाब की वजह से हल्का हल्का दर्द सिर के पहले भाग में महसूस करता है। फिर दर्द हाथ के तरफ बढ़ता है। कभी कभी दर्द के साथ झनझनाहट भी महसूस होती है। सिर के पिछले भाग में दर्द और चक्कर जैसे लक्षण भी होते है।
सर्वाइकल स्पोंडिलीटिस

कारण :- 
इस रोग के होने के कारण है :-  हड्डी में आंतरिक खराबी होने की प्रक्रिया से जोड़ों के ऊपर उम्र का प्रभाव, जोड़ों के ऊपर चोट का असर, अत्यधिक मोटापा, गलत ढंग से उठने, बैठने,लेटने के कारण उत्पन्न तनाव,अत्यधिक परिश्रम, थकावट,नींद न आना,और नशीली वस्तुओं का प्रयोग,रीढ़ की हड्डियों में बदलाव की स्थिति, बहुत ऊँचा तकिया,फोम के गद्दे पर सोने से रीढ़ की हड्डी में परिवर्तन होना,गलत ढंग से बैठ कर काफी देर तक टीवी देखना ,देर तक कार या स्कूटर चलाना, अत्यधिक मानसिक तनाव आदि।

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