Sunday 28 October 2018

माइक्रोफोन के प्रकार और विवरण 【क्रिस्टल माइक्रोफ़ोन】भाग :- (ख)

अभी तक हमने जाना कि माइक्रोफोन के क्या कार्य है। तरह तरह के माइक्रोफोन होते है जिनकी विशेषता और कीमत अलग-अलग होती है।माइक्रोफोन एक प्रकार का ट्रांसड्यूसर है जो ध्वनि तरंगों को वायुमंडल से ग्रहण कर उसकी तरंगों को बदलता है। अभी हमने भाग (क़) में दो तरह के माइक्रोफोन के बारे में जानकारी प्राप्त की है। वह है 1.मूविंग कॉइल माइक्रोफोन 2.रिबन माइक्रोफोन


अब हम अन्य माइक्रोफोन के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे। जिनमे मुख्य रूप में निम्नलिखित है। 
3क्रिस्टल माइक्रोफोन:- 
4. कैपेसिटर माइक्रोफोन 
5. इलेक्ट्रॉट माइक्रोफोन 
6. कार्बन माइक्रोफोन 
7. विशिष्ट माइक्रोफोन



3. क्रिस्टल माइक्रोफोन:-क्रिस्टल माइक्रोफोन पिज़ो इलेक्ट्रिक प्रभाव में काम करता हैं। क्रिस्टल माइक्रोफोन अपने ट्रांसड्यूसर के रूप में एक piezoelectric क्रिस्टल का उपयोग करता है। पिइज़ोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल टिकाऊ और सस्ते होते हैं, और उनके पास अपेक्षाकृत बड़े विद्युत उत्पादन होते हैं; इस कारण से, वे अक्सर टेलीफोन और पोर्टेबल ध्वनि प्रणालियों में उपयोग किया जाता है। ध्वनि तरंगों को विधुत सिगनल में बदलने की ताकत क्रिस्टल माइक्रोफ़ोन में  पिज़ो इलेक्ट्रिक प्रभाव के वजह से ही होती है।
◆ नोट :-【 पिज़ो इलेक्ट्रिक प्रभाव क्या है ?】
◆उत्तर:-【 जब क्रिस्टल पर यांत्रिक प्रेशर पड़ता है तो क्रिस्टल के विपरीत तलो के मध्य विधुत विभव उतपन्न होता हैं।】
क्वासर्ट्ज़, रोशेल साल्ट (Rochelle salt) ( पोटासियम सोडियम ट्राटेट) टूरमैलीन और सिरेमिक के बने क्रिसटल इस तरह के प्रभाव दर्शाते है  क्वार्ट्ज़ और टूरमैलीन {tourmaline} का आउटपुट कम होता है
◆रिचेली साल्ट (Rochelle salt) (पोटासियम सोडियम ट्राटेट) :-यह एक पिज़ो इलेक्ट्रिक क्रिस्टल है। नमी से जल्द प्रवाभित होता है। यह 50℃ से ज्यादा के तापमान को सहन नही कर पाता है। 
◆सिरेमिक से बने क्रिस्टल सबसे उपयुक्त होते है 100℃ तापमान में भी प्रभावित नही होते हैं। नमी में भी अच्छा कार्य करते हैं आउटपुट भी बेहतरीन है।
यह रिबन माइक्रोफ़ोन से ज्यादा ठोस होते है लेकिन मुविंग कॉइल माइक्रोफ़ोन से कम मज़बूत है।
◆सिरेमिक (चीनी मिट्टी) या क्रिस्टल माइक्रोफोन सस्ते और निर्माण करने के लिए आसान हैं और एक उच्च वोल्टेज उत्पादन प्रदान करने में सक्षम हैं।
कार्यप्रणाली
ध्वनि तरंगों में जब स्ट्रेस(दबाब) उत्पन्न होता है। तब सिरेमिक या अन्य धातु का बना क्रिस्टल पर दाब बढ़ जाता है। जिससे क्रिस्टल दब जाता है। इससे विपरीत विरलता होने से क्रिस्टल पर दाब काम हो जाता है। और क्रिस्टल में तनाव पैदा हो जाता है। जिससे क्रिस्टल फैल जाती है। इसप्रकार क्रिस्टल में एक्सटेंशन और यांत्रिक कंप्रेसन होता है। इसलिए क्रिस्टल माइक्रोफ़ोन को प्रेशर माइक्रोफ़ोन भी कहते है।
बनावट

उपरोक्त तत्व से बना क्रिस्टल को दो परतों में बाँटते है जो बहुत ही पतली होती हैं। इन्हें एक कुचालक होल्डर में रखा जाता हैं। क्रिस्टल की इन पतली परतों की बीच हवा के लिए जगह रहता है। अधिक विधुत विभव प्राप्त करने के लिए इसतरह के अनेक तत्त्वों को जोड़ते है।एक अल्युमिनियम का डायफ्राम लेते है और इस डायफ्राम को क्रिस्टल से पुश-रॉड से जोड़ देते है।

महत्वपूर्ण तथ्य
1. सुग्राहिता :- पास्कल प्रेसर आउटपुट :- 500 मिलीवोल्ट और माइक्रोबार प्रेशर ऑउट पुट:- 50 मिलीवोल्ट
2.फ्रीक्वेंसी रिस्पांस :- 100- 8000 फ्लेट +/- 2db
3. आउटपुट अवरोध :- 1 MOhm
नोट:-
1. यह मल्टी माइक्रोफ़ोन सिस्टम में कार्य नही कर सकता है।
2. यह ओमनी डायरेक्शनल माइक्रोफ़ोन है। ध्वनि आवृत्ति बदलने से भी इसका दिशा लाभ नही बदलती हैं।
3. इसे DC वोल्टेज की आवश्यकता नहीं है।
4. इसकी कीमत कम होती हैं।
5 प्रकाश की किरणो में अधिक समय तक रहने पर आउटपुट पर उल्टा प्रभाव पड़ता है।
6. इसे एम्पलीफायर से ज़ोड़ने के लिए छोटे लिड्स का उपयोग किया जाता हैं क्योंकि इसका इम्पीडेन्स अत्यधिक होती हैं।

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