Saturday 29 June 2019

बैटरी चार्जिंग कार्यप्रणाली इलेक्ट्रिक लोको

इलेक्ट्रिक लोको में बैटरी चार्जिंग
इलेक्ट्रिक लोको में लोको की बैटरी को चार्ज करने के लिए एक स्टेटिक बैटरी चार्जर लगा हुआ है। DJ के बंद होने पर ARNO/SIV से इनपुट में 380/415 वोल्ट AC सप्लाई प्राप्त करता है। और आउटपुट में 110 वोल्ट DC सप्लाई देता है। इसके कार्य की जांच के लिए रिले QV61 लगा हुआ है।
यदि फ्यूज CCBA ठीक है तो बैटरी चार्जर के कार्य करने पर निम्नलिखित दो क्रियाएं होती है।

लोको की बैटरी को 110 वोल्ट DC सप्लाई से चार्जिंग ।
बैटरी चार्जर के द्वारा लोको के सभी प्रकार के कंट्रोल सर्किट को 110 V DC सप्लाई देना।
बैटरी चार्जर पर चार्जिंग कर्टेन्ट देखने के लिए एक अमीटर लगा होता है। इसका नार्मल चार्जिंग करंट 2 से 5 एम्पियर होता हैं। बैटरी के चार्जर को आईसोलेट (कार्य से अलग) करने के लिए एक रोटेटिंग स्विच HCHBA लगा होता है।
स्विच HCHBA के दो पोजीशन होते है।
पोजीशन "0" :- बैटरी चार्जर कार्य से अलग
पोजीशन "1":- बैटरी चार्जर कार्य पर।
मुख्य प्रश्न:-
सही और गलत का चयन करें।
प्रश्न 1.एनेरज़ाइज़ लोको में CCBA मेल्ट होने पर DJ खुल जायेगा।
1.उत्तर - गलत
प्रश्न 2. फ्यूज CCBA मेल्ट होने पर बैटरी वोल्टेज देख सकते हैं तथा चार्जिंग वोल्टेज नही देख पाएंगे।
2. उत्तर :- सही
प्रश्न 3. फ्यूज CCBA मेल्ट होने पर फ्यूज टेस्टिंग लैंप कार्य करेगा।
3. उत्तर :- सही
प्रश्न 4. फ्यूज ADD. CCBA मेल्ट करने पर एनेरज़ाइज़ लोको में क्या असर पड़ेगा ?
4. उत्तर :- बैटरी की चार्जिंग बंद हो जायेगी।
प्रश्न 5. DJ के खुले होने पर फ्यूज ADD. CCBA मेल्ट कर जाए तो लोको में क्या असर पड़ेगा?
5. उत्तर:- निम्नलिखित असर पड़ेगा।
1. पैंटो गिर जाएगा
2. I. P वाल्व से B.P प्रेशर गिर जाएगा।
3. पायलट लैंप बुझ जाएगा।
4. LECC लैंप (फ्यूज टेस्टिंग लैंप) कार्य नही करेगा।
प्रश्न 6. CHBA(बैटरी चार्जर) कार्य नही करने के क्या क्या संकेत है।
6. उत्तर :-
1.चार्जर के कार्य नही करने पर LSCHBA बुझा रहेगा।
2. चार्जर यूनिट में लगे चार्जिंग अमीटर में +Ve तरफ 2 से 7
Amp. चार्जिंग करंट दर्शायेगा।
3. एनेरज़ाइज़ लोको में HBA "O" करने पर DJ खुल जायेगा।

Tuesday 25 June 2019

इलेक्ट्रिक लोको में न्यूमैटिक प्रेशर की उपयोगिता

इलेक्ट्रिक लोको में कम्प्रेशर का उपयोग
इलेक्ट्रिक लीक में तीन छोटे मेन कंप्रेशर HCP(14 H.P) या दो बड़े MCP (27.5 H.P) लगे रह सकते है। DJ बंद करने पर , BLCP 'ON' करने के बाद HCP के पोजीशन के अनुसार मेन कंप्रेशर (MCP) कार्य करने लगते है। तीन छोटे MCP उपलब्ध रहने से कोई दो MCP को एक साथ चलाया जा सकता है।लेकिन बड़े MCP को अकेले चलाया जाता है। छोटे MCP की क्षमता 1000 लीटर प्रति मिनट है। तथा बड़े MCP की क्षमता 2000 लीटर प्रति मिनट है।
WAP-4 लोको में कुल पाँच MR (मेन रिजर्वायर) होते है और 1000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले CP की संख्या कुल दो होती है। WAG-7 लोको में कुल चार MR होते हैं और CP(कंप्रेशर) की संख्या दो या तीन हो सकती है।
WAP-4 लोको में प्रत्येक MR की क्षमता 150 लीटर होती है, परन्तु MR-3 क्षमता 203 लीटर होती है।
WAG-7 लोको में प्रत्येक MR की क्षमता 150 लीटर होती हैं।
MCP(मेन कंप्रेशर) के के कार्य करने पर कंप्रेस्ड एयर , AFTER COOLER एवं CDC-1 से होते हुए MR-1 एवं MR-2 में जाती है।
प्रत्येक CP के डिलीवरी पाइप के साथ एक HPSS (हाई प्रेसर सेफ्टी वाल्व) तथा अनलोडर सेफ्टी वाल्व (VEUL) लगा है। HPSS-1 की सेटिंग्स 11.5 Kg/cm` होती हैं। अनलोडर मैगनेट वाल्व के साथ एक आईसोलटिंग कॉक भी लगा रहता है।
MR-1/आफ्टर कूलर तथा MR-2 में उपस्थित नमी को बाहर निकालने के लिए एक ऑटो ड्रेन वाल्व लगा होता है। इसका नियंत्रण एक इलेक्ट्रो न्यूमैटिक वाल्व के द्वारा होता हैं। जिसे VEAD कहते है। RGCP के कट आउट पोजीशन पर VEAD एनेरज़ाइएज़ होता हैं और कट इन पोजीशन पर डी एनेरज़ाइएज़ होता है। VEAD के एनेरज़ाइएज़ होने से ऑटो ड्रेन वाल्व ऑपरेट होकर MR-1, आफ्टर कूलर तथा MR,-2 की नमी को बाहर निकाल देता है। RGCP कट आउट पोजीशन पर CP के कॉन्टैक्टर खुले रहते हैं। जिससे Q119 रिले एनेरज़ाइएज़ होकर VEUL के एग्जॉस्ट पोर्ट को खोल देता है। जिसे CP हेड तथा नॉन रिटर्न् वाल्व के बीच की हवा बाहर निकल जाती है। और CP ऑफ लोड में आसानी से स्टार्ट हो जाती है। VEAD वाल्व तथा RGCP दोनो के साथ एक एक आएसोलेटिंग कॉक लगा होता है।

Friday 21 June 2019

मॉडिफाइड SIV युक्त इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव

मॉडिफाइड इलेक्ट्रिक लोको में आजकल स्टेटिक कनवर्टर , आर्नो के बदले लगाया गया है। यह 180 KVA का होता है। यह एक स्टेटिक यंत्र है। जो इनपुट में ऑक्सीलियरी ट्रांसफार्मर से 780/830 VOLT सिंगल फेज सप्लाई लेता है। और आउटपुट में 415 V 3 फेज की सप्लाई देता है।
इसके मुख्यतः तीन भाग होते है।
1. रेक्टिफायर यूनिट  2. DC लिंक  3. इनवर्टर यूनिट
DJ सर्किट ब्रेकर बन्द होने के बाद स्टेटिक कनवर्टर के रेक्टिफायर/इन्वर्टर यूनिट को TRIGGERING PULSE सिग्नल प्राप्त होता है।  DJ बन्द होने के बाद पहले 5 सेकंड तक यह सेल्फ चेक मोड में रहता है। और अगले 5 सेकंड तक वोल्टेज रेगुलेट करता है। यानी स्टेटिक कनवर्टर से 3 फेज 415 वोल्ट A.C की सप्लाई 10-12 सेकंड के बाद मिलती है। जिससे इनवर्टर यूनिट से जुड़ा सेंसर ऑपरेट होता है। जिसके कारण QCON रिले ENERGIES होता है। रिले QCON ENERGIES होकर अपना NCI (नॉर्मल क्लोज्ड इंटरलॉक) , LSCHBA शाखा से हटा लेता है। कुछ ही समय मे BA(बैटरी) चार्जिंग शुरू हो जाती है। और रिले QV61 अपना NCI(नॉर्मली क्लोज्ड इंटरलॉक) , LSCHBA शाखा से हटा लेता है। और अंत मे LSCHBA की लैंप बुझ जाती है।

SIV के चालू (ON) होने के दो संकेत है।
1. ड्राइविंग डेस्क पर LSCHBA की लैंप का बुझना।
2. SIV असेंबली के अंदर लगे हुए फैन का चलना।

यदि किसी कारण से स्टेटिक कनवर्टर SIV ऑन नही होता है तो LSCHBA की लैम्प जलती रहती है तब इस अवस्था मे SIV तीन बार प्रयास लेती है। यदि तीनो प्रयास में SIV स्टार्ट नही होती है तो चतुर्थ प्रयास में इसका SIV ट्रिप स्टेटस सेंसर ऑपरेट होकर रिले QSIT को ENERGIES करा देता है। रिले QSIT ENERGIES होकर अपना NCI(नॉर्मली क्लोज्ड इंटरलॉक)  MTDJ शाखा से हटाकर DJ ट्रिप करा देता है। इसतरह SIV अपना सुरक्षा स्वयं कर लेता है। 

Monday 10 June 2019

👍 इनकम टैक्स में राहत होम ऋण में कैसे प्राप्त करे

आपने घर बनाने के लिए अगर बैंक से लोन लिया है तो इसके लिए चुकाने वाले मासिक किस्त में कुल 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर आपको Income Tax कानून के सेक्शन 24B के तहत आयकर में राहत मिलती है.
इसी तरह घर की मरम्मत आदि के लिए 30 हजार रुपये तक के लोन पर भी आपको Income Tax में छूट मिलती है।


यदि आपने होम ऋण 01 अप्रैल 1999 के बाद लिया हो तो नीचे लिखे गए शर्ते को पूर्ण करते/करती हो आप 1,50,000 रुपये तक कु छूट पाने के लिए योग्य है। 

1. ऋण रहवासी (निवास के लिये) मकान बनाने के लिए और खरीदने के लिए लिया हो।
2. ऋण जिस वितीय वर्ष लिया गया हो उस वर्ष के तीन वर्षों के अंदर मकान बनना चाहिए या खरीद हो जाना चाहिए।
3. यदि ऋण लेने वाले रहवासी(निवासी) घर  निर्माण करने,मरम्मत खरीदने और नवीनीकरण करने के लिए 01 अप्रैल,1999 से पूर्व लिया हो तो अर्जित ब्याज पर 30,000 रुपये की छूट प्राप्त कर सकते है। 
4. ऋण लेने वाले रहवासी(निवासी) मकान मरम्मत  और नवीनीकरण करने के लिए 01 अप्रैल,1999 के बाद लिया हो तो अर्जित ब्याज पर 30,000 रुपये की छूट प्राप्त कर सकते है। 

नोट:- होम लोन के लिए आयकर रिटर्न में धारा 80C और 24B के अंतर्गत लिया जा सकता है। 
आयकर अधिनियम 80C के अंतर्गत होम ऋण के प्रिंसिपल रिपेमेंट (मूल धन के वापसी) पर अधिकतम 1,50,000 रुपये तक कि राशि छूट में हो सकती है। 
एक पूर्ण वितीय वर्ष में होम ऋण की प्रिंसिपल रिपेमेंट की राशि की जानकारी आपको आपका ऋण देने वाला बैंक देगा। यदि आप ऑनलाइन बैंकिंग करते है बैंक स्टेटमेंट पीडीएफ फॉर्म में डाउनलोड कर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
★★इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन 80 सी के तहत आप होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकते हैं। इसके तहत आप अधिकतम 1.5 लाख तक टैक्‍स छूट ले सकते हैं। प्रिंसिपल अमाउंट के पेमेंट पर आप तभी टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकते हैं जब आपको घर का कब्‍जा मिल जाए। इसी तरह से अगर आप होम लोन लेकर घर बनवा रहे हैं तो आप प्रिंसिपल लोन अमाउंट पर तभी टैक्‍स छूट क्‍लेम कर पाएंगे जब घर का कंसट्रक्‍शन पूरा हो जाए। 
** आयकर अधिनियम की धारा 24 B के अंतर्गत होम ऋण के अर्जित ब्याज पर अधिकतम 1,50,000 रुपये तक कि छूट प्राप्त कर सकते हैं।

WDG4 DIESEL LOCO POWER DISTRIBUTION

 इंजन स्टार्ट होते ही मेन बैंक सापट के गियर से चाल लेकर Auxiliary जनरेटर का आमेचर घूमना शुरू कर देता है जो स्वंय के बनाये गये करन्ट से इसकी ...