Thursday 22 February 2018

OSTEOPOROSIS:-BONE DISEASE

ऑस्टियोपोरोसिस(OSTEOPOROSIS):-  ऑस्टियोपोरोसिस का सीधा मतलब हड्डियो का भुरभुरा या छिद्रयुक्त हो जाना ,यह एक हड्डी का रोग है जिसमे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है जब हड्डियो में प्रोटीन और खनिज लवण,खासकर कैल्सियम का अधिक मात्र में छरण हो जाता है ता यह समस्या उत्पन्न होती है ! यह एक ऐसी समस्या है जिसकी जानकारी आम जनता को अवश्य ही होनी चाहिए ! इसके बाद हड्डियां कमज़ोर होती जाती हैं मामूली रूप से गिरने से टूट भी सकती हैं ! खासकर विदेशो में ब्रिटेन, अमेरिका इत्यादि शहरों में फ्रैक्चर होना एक बड़ी समस्या बन गई है! वास्तव में इस रोग में हड्डियों का घनत्व और मात्रा कम हो जाती हैं! तथा हड्डियों कि अंदरुनी संरचना में परिवर्तन होने से उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है! 
मानव में हड्डियों का विकास 25 वर्षों से 35 वर्षों के बीच होता है ! इसके बाद कई कारणों से हड्डियां कमज़ोर होने लगती है! उनका वजन भी कम होने लगती हैं! विशेषकर महिलाओं में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन के कम होने से,यह प्रक्रिया रजोनिवृती के बाद तेज हो जाती हैं! इसलिए 45 वर्ष की आयु में स्त्रियों में इस रोग की संभावना तेज हो जाती है ! यदि रजोनिवृती  के बाद कैल्शियम की खुराक की जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना कम होती है !
यह रोग अंटस्ट्रावी ग्रंथियों की गड़बड़ी, कैंसर व कुछ दवाओं के कारण भी हो सकता है ! इसके अलावा कम वज़न के लोगो , अल्कोहल या नशीली दवाओं लेने वालों में भी यह रोग होने की संभावना होती है !

Monday 19 February 2018

KIDNEY STONE

पथरी (kidney stone): पेसाब के जरिए निकलने वाले खनिज जब जमा होने लगते है तो पथरी की समस्या उत्त्तपन्न होने लगती है।

EYE PROBLEMS

आँखों का समस्याए :- हमारे जीवन में आंखो का एक महत्वपूर्ण स्थान है ! आंखे हमारे लिए ईश्वर की अनुपम देन है ! आंखे तन और मन दोनों का आएना है ! आँखों की पतन में OXYDATIVE दवाब बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है ! कुपोषण ,धुँआ ,प्रदुषण ,मधुमेह ,आनुवांशिक कारण आँखों की समस्याओं की महत्वपूर्ण कारक है! आँखों के बिना हम सुख -दुःख ,दिन -रात ,धुप-छाँव और किसी भी मौसम का अनुभव नहीं कर सकते है ! आँखों की निम्नलिखित समस्याए होती है!  
कन्जक्टीवाईटीस (लाल आँख होना ) :- यह एक संक्रामक बिमारी है ! जिसमे एक या दोनो आंखें लाल हो जाती है और उनमें खुजली होने लगती है तथा संक्रमित आँख से काँचीं निकलती है यह सम्स्या  लगभग 10-14 दिनों मे समाप्त हो जाती हैं !
ग़्लुकोमा (GLAUCOMA)  :-इसे तिमिर भी कहते हैं आँखों मे द्रव्य का दबाव बदने से तंत्रिका के रेशे छत्रिग्रस्त हो जाती हैं ! आँखों पर द्रव्य का दवाब बढ़ जाता हैं  और आंखें कि रौशनी कम होने लगती हैं ! तंत्रिका के रेशे के दवाब से आँखे के पीछे चले जाते है और Retina पर  फैल जाते हैं शुरु मे निकट कि दॄष्टि जाती है यदि Pressure Normal हो तो इस condition को बदला जा सकता है 
   अन्य दशा मे अचानक दर्द होता है आंखें धुंद्लि और लाल हो जाती है छूने पर आंख दर्द करती हैं इसे CLOSED ANGLE GLAUCOMA कहते हैं! ते़जी सें बढ़े दवाब से हुए नुकसान को बदला नही जा सकता हैं ! यह अधिकांश उम्रदराज लोगो को होती हैं ! 
मोतिआबिंद (CATARACT) :- इसे आनघ्य भी कहा जाता है ! इसमें आँख की आंतरिक लेंस धुँधला हो जाता हैं ! इसमे नज़र धुँधली हो जाती है दुर की वस्तु स्पस्ट नहीं दिखती हैं! आंतरिक लेंस अपनीं (viscosity) पारदर्शिता खत्म हो जाती है तो वह पीला हो जाती हैं ! और आंखें नीला रंग नहीं पहचान पाती हैं !

Sunday 11 February 2018

ROYAL JELLY ( SUPER FOOD)

रॉयल जेली:- रॉयल जेली प्रकृति का सबसे अनूठा वरदान है। रॉयल जेली मधुमक्खीयो की pharyngeal ग्रन्थि से निकलने वाला प्रदार्थ है। यह रानी मधुमक्खी का भोजन होता है। इसी को रॉयल जेली कहते है। रानी मधुमक्खी इसी जेली का सेवन करती है। इस लिये इसकी उम्र बाकी मधुमक्खीयो से 45 गुना ज्यादा होती है। International बाजार में कच्ची रॉयल जेली की कीमत एक लाख रुपए/किलोग्राम होती है। विदेशों में इसका प्रयोग गठिया भगाने, मानसिक शक्ति बढ़ाने, नपुंसकता दूर करने तथा विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रोडक्ट्स बनाने में किया जाता है।त्वचा व बालो की समस्या दूर करने में भी सहायक है।रॉयल जेली रानी मधुमक्खी का भोजन है।छत्ते में सिर्फ रानी मधुमक्खी ही अंडे देती है और वह कोई काम नहीं करती हैं।
◆ श्रमीक तथा रानी मधुमक्खी का जन्म एक ही तरह  अण्डे से होता हैं   जिस मधुमक्खी को रानी बनना  होता हैं! उसे शुरू से ही रॉयल जेली खिलाना शुरू कर  दिया जाता हैं । वह लार्वा जो अपने पुरे जीवन-काल मे यह भोजन खाती है वो मक्खी ही रानी मधुमक्खी  बन जाती हैं। शेष मधुमक्खी  यह भोजन नहीं मिलता , वे श्रमिक बन जाते है! रानी मधुमक्खी दो प्रकार के अंडे देती है श्रमिक तथा नर जिनसे नर निकलते है !उन अंडों को रानी बिना गर्भधारण किये ही दे सकती है! श्रमिक पैदा करने वाले अंडे वह केवल  गर्भधारण के बाद ही दे सकती है! रानी अपने डंक का उपयोग तब करती है जब उसे किसी दूसरे रानी से लड़ना पड़ता है!
 रॉयल जेली मधु मक्खी के द्वारा बनाया जाता है यह बेशकीमती होता है!यह मधु मक्खी की रानी की मुख्य भोजन है रॉयल जेली को खाने के कारण ही
कोई मधुमक्खी रानी-मक्खी बनी रहती है तथा वह बच्चे पैदा करती रहती है इसलिए जिन दम्पति में बच्चे को लेकर समस्या आती है उनके लिए यह राम बाण है! knowledge for you

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 इंजन स्टार्ट होते ही मेन बैंक सापट के गियर से चाल लेकर Auxiliary जनरेटर का आमेचर घूमना शुरू कर देता है जो स्वंय के बनाये गये करन्ट से इसकी ...