ऑस्टियोपोरोसिस(OSTEOPOROSIS):- ऑस्टियोपोरोसिस का सीधा मतलब हड्डियो का भुरभुरा या छिद्रयुक्त हो जाना ,यह एक हड्डी का रोग है जिसमे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है जब हड्डियो में प्रोटीन और खनिज लवण,खासकर कैल्सियम का अधिक मात्र में छरण हो जाता है ता यह समस्या उत्पन्न होती है ! यह एक ऐसी समस्या है जिसकी जानकारी आम जनता को अवश्य ही होनी चाहिए ! इसके बाद हड्डियां कमज़ोर होती जाती हैं मामूली रूप से गिरने से टूट भी सकती हैं ! खासकर विदेशो में ब्रिटेन, अमेरिका इत्यादि शहरों में फ्रैक्चर होना एक बड़ी समस्या बन गई है! वास्तव में इस रोग में हड्डियों का घनत्व और मात्रा कम हो जाती हैं! तथा हड्डियों कि अंदरुनी संरचना में परिवर्तन होने से उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है!
मानव में हड्डियों का विकास 25 वर्षों से 35 वर्षों के बीच होता है ! इसके बाद कई कारणों से हड्डियां कमज़ोर होने लगती है! उनका वजन भी कम होने लगती हैं! विशेषकर महिलाओं में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन के कम होने से,यह प्रक्रिया रजोनिवृती के बाद तेज हो जाती हैं! इसलिए 45 वर्ष की आयु में स्त्रियों में इस रोग की संभावना तेज हो जाती है ! यदि रजोनिवृती के बाद कैल्शियम की खुराक की जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना कम होती है !
यह रोग अंटस्ट्रावी ग्रंथियों की गड़बड़ी, कैंसर व कुछ दवाओं के कारण भी हो सकता है ! इसके अलावा कम वज़न के लोगो , अल्कोहल या नशीली दवाओं लेने वालों में भी यह रोग होने की संभावना होती है !
मानव में हड्डियों का विकास 25 वर्षों से 35 वर्षों के बीच होता है ! इसके बाद कई कारणों से हड्डियां कमज़ोर होने लगती है! उनका वजन भी कम होने लगती हैं! विशेषकर महिलाओं में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन के कम होने से,यह प्रक्रिया रजोनिवृती के बाद तेज हो जाती हैं! इसलिए 45 वर्ष की आयु में स्त्रियों में इस रोग की संभावना तेज हो जाती है ! यदि रजोनिवृती के बाद कैल्शियम की खुराक की जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना कम होती है !
यह रोग अंटस्ट्रावी ग्रंथियों की गड़बड़ी, कैंसर व कुछ दवाओं के कारण भी हो सकता है ! इसके अलावा कम वज़न के लोगो , अल्कोहल या नशीली दवाओं लेने वालों में भी यह रोग होने की संभावना होती है !
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