Friday, 9 March 2018

नीम एक गुण अनेको

भारत वर्ष में नीम गरीब लोगो का कल्पवृक्ष है इसकी जड़ से लेकर फूल पत्ती और फल तक सभी औषिधिय गुणों से भरा है भारतीय वनस्पतियाँ एवं लोकमंडल सर्व व्याधिनिवारक से युक्त होने के कारण भारतीय वातावरण में सामान आदरनिये एवं पूजनीय मानी जाती है यह प्राय: प्रत्येक ग्राम , नगर और गृह में पाया जाता है नीम विशुद्ध भारतीय वृष है यह सम्पूर्ण भारतवर्ष में पाया जाता है शीतल छाया ,वातावरण की शुद्धि एवं बहुत जीवनपयोगी पदार्थो को प्रदान करने के कारण प्रायः ग्रामीण इसे अपने घरो के आसपास लगते है नीम का पौधा द्वार पर लगाने का का कारण है है की यह हवा को शुद्ध रखता है नीम के पत्ते से लोग स्नान करते है चैत्र मास में नीम की कोमल नयी कोपलों को दस - पंद्रह दिन तक रोजाना प्रातः काल चबाने से रक्त शुद्ध होता है मलेरिया ज्वर नहीं होता है पत्तियां पानी में उबालकर घाव धोने से घाव ठीक होता है विश्वास किया जाता है की तानसेन ने अपनी रागों में जिस समरसता को उत्पन्न किया था उनमे नीम की पत्तियों का ही कमाल था नीम की तना में दीमक और घुन नहीं लगता है ,इसलिये किवाड़ ,दरवाजे और खिर्कियाँ में दिमक लगने का खतरा नहीं होता है

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