Sunday 31 May 2020

प्रेरणादायक कार्य :- गमले में ऑर्गेनिक खेती

कोरोना संकट में हुए लॉकडाउन मेंलोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं। यहां तक की सब्जियां खरीदने भी नहीं जा रहे हैं। जो।खरीदकर लाते हैं वे भी डिटर्जेंट यानमक-पानी से धोकर प्रयोग कर रह।हैं। ऐसे में घर में किचन या रूफ टॉप या वेजीटेबल गार्डेन बेहतर विकल्प बन सकता है। शहर के एक परिवार ऐसा हैं जहां 10 सदस्य हैं। परिवार पूरे लॉकडाउन में हरी सब्जी खरीदने बाजार नहीं जाते है।
इनका परिवार छत पर गमले में लगाए सब्जी के पौधों से ही नित्य दिन का काम चला रहे है।

एक निजी कंपनी में कार्यरत और पटना के भीखनपुर के नया टोला निवासी राजेश कुमार तिवारी अपने दादाजी से प्रेरित होकर किचन गार्डेन वर्षों से चला रहे हैं।
करीब चार कट्टे के घर में छत पर करीब 70 गमला रखे हैं जिसमें से 46 गमले में सब्जी लगाए हैं। इस गार्डेन के लिए बीज कोलकाता और।लोकल बाजार से लाते हैं। वहीं इसमें वर्मी कंपोस्ट डाल पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती करते हैं। पौधों में बीमारी या कीड़ा लगने पर नीम, खैनी और गोमूत्र का प्रयोग करते हैं।
वहीं दूसरी ओर घर की छतों पर और आंगन में फल और सब्जी लगाकर सेवानिवृत्त शिक्षक रामदेव
सिंह आत्मनिर्भर बने हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान एक दिन भी वह सब्जी और फल के लिए घर से
बाहर नहीं गए हैं।

नोट:- किचन गार्डन के लिए मिलती है सरकारी सहायता
बीएयू के वैज्ञानिक सब्जी विभाग के अध्यक्ष डॉ. रंधीर ने कहा कि रूफ टॉप गार्डेन या किचन गार्डेन के लिए सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है। शेडनेट, पॉटस, प्लास्टिक, बेड, ड्रिप इरिगेशन के लिए यह सहायता मिलती है। यह स्वस्थ और सुरक्षित सब्जी का विकल्प बन सकता है। सहायक निदेशक उद्यान अजय कुमार सिंह ने बताया कि 'रूफ टॉप गार्डनिंग योजना के तहत 50 हजार रुपए के प्राजेक्ट में 25 हजार रुपए अनुदान मिलते हैं।
सौजन्य:- दैनिक हिंदुस्तान :- 20 मई,20 पटना संस्करण

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