थायरॉइड एक विशेष ग्रंथि है जिसका आकार एक तितली के जैसा होता हैं। यह गर्दन के निचले हिस्से में में रहती हैं। यह ग्रंथि थायरोक्सिन हार्मोन का निर्माण कर के रक्त में पहुचांना है। जिसे मनुष्य के शरीर का उपचायीय (मेटाबॉलिज्म) क्रिया ठीक रहती है। शरीर बैलेंस्ड रहता है।
थायरॉइड ग्रंथि में दो प्रकार के हार्मोन्स T3 और T4 का निर्माण होता है। और इसी प्रकार दोनो हार्मोन्स के असंतुलन से थायरॉयड होता है।
थायरॉइड हॉर्मोन्स की मात्रा की कमी से शरीर मे ऊर्जा की कमी हो जाती है। जिसके कारण आलस्य और सुस्ती का अनुभव होता हैं। यदि हार्मोन्स की मात्रा बढ़ जाती हैं तो शरीर ज्यादा सक्रिय हो जाता हैं।
थायरॉइड ग्रंथि (ग्लैंड) का नियंत्रण पिट्यूटरी ग्रंथि (ग्लैंड) के द्वारा होता हैं। इसी पिट्यूटरी ग्रंथि को हाइपोथैलेमस के द्वारा नियंत्रित किया जाता हैं। हमारे शरीर में थायरॉयड ग्रंथि स्वांस नली के ऊपर और स्वर कॉर्ड के दोनों तरफ होती है। यह शरीर में थायरॉक्सिन नामक हॉर्मोन्स का निर्माण करती है। थायरॉइड ग्रंथि हमारे शरीर मे एंडोक्राइन ग्लैंड्स में से एक है। इसके अर्थ है कि हमारा शरीर जो भोजन ग्रहण करते है उस भोजन को थायरॉइड ग्लैंड ऊर्जा में बदलता है। यदि इस ग्रंथि में थोड़ा सा भी प्रॉब्लम होता है तो हमारे शरीर मे तुरंत ऊर्जा की कमी हो जाती हैं। या ऊर्जा बढ़ जाती हैं।
इस ग्रंथि में आयी हुई प्रॉब्लम को शुरुआती समय में पकड़ने के लिए थोड़ा बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती हैं। बीमारी को पकड़ने के लिए हमे इस बीमारी के बारे में जानकारी होने की आवश्यकता होती है। आखिर हम कैसे पता लगाएं की हम इस बीमारी से ग्रषित हो रहे है।
1.हाथ पैर ठंडा रहना:- यदि आपके शरीर के टेम्परेचर अथार्त तापमान नार्मल होने पर भी आपके हाथ पैर ठंडे है। तो हो सकता है कि आप थायरॉइड के बीमारी से ग्रषित हो रहे है। अतः आप मेडिकल डॉक्टर्स से परामर्श लें।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना :- आपका शरीर थोड़ी मेहनत पर ही थक जाता हैं। बार बार घबराहट होती हैं। इसके औऱ भी कारण है लेकिन थायरॉइड के कारण भी ये समस्या उत्पन्न हो सकता है।
3. वज़न तेज़ी से घटना:- यदि थायरॉइड ग्रंथि से हार्मोन का उत्पादन ज्यादा होने पर हाइपोथायरायड की शिकायत होती होती है।इसमे वज़न तेज़ी से बढ़ती है। यदि आप हाइपर-थायरॉइड से ग्रसित हो गए हैं तो इसमें वज़न तेज़ी से कम होने लगती हैं।
4. सर्दी जुकाम होना:- यदि आपको समान्य ज़ुकाम से अलग तरीके से ज़ुकाम हो रहा है तो यह थसिरोइड के कारण भी हो सकता है।क्योंकि थायरॉइड होने पर बार बार ज़ुकसम होने लगता है।
5.जॉइंट में दर्द;- थायरॉइड होने पर शरीर की मांशपेशियों में कमजोरी आने लगती है। जिसके कारण जोड़ो पर दर्द होना शुरू हो जाता हैं।
6.एड़िया का फटना:- थायरॉइड होने पर एड़िया अचानक गंदे तरीके से फटने लगती है। क्रीम और मलहम लगाने के बाद भी नहीं ठीक होती है।
7.त्वचा में रूखापन :- जिनको थायरॉइड की शिकायत होती उनकी त्वचा की ऊपरी परत की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। जिसे उनके त्वचा में रूखापन आ जाती है।
8.नाखून और बालों पर असर :- थायरॉइड होने सवर्प्रथम असर नाखुनो पर होता है नाखून पतले और उसमें दरार अथार्त दरदर होने लगते है। बाल झड़ने लगते है। गंजापन आने लगता हैं। यदि अचानक यह लक्षण आने लगे तो सावधान हो जाना चाहिए।
थायराइड को साइलेंट किलर भी कहाँ जाता हैं। यह शरीर के पूरे मेटाबोलिज्म को प्रभावित करने लगता हैं। इम्यून सिस्टम ठीक से काम नही करने के कारण शरीर में थायराइड हार्मोन्स तेज़ी से घटने लगता हैं। जिससे शरीर की नियमित जीवन शैली प्रभावित होती हैं। आमतौर ओर यह बीमारी महिलाओं को होती हैं लेकिन पुरुषों को भी होती हैं।इन उपरोक्त लक्षण आने पर तुरन्त मेडिकल जांच कराए।
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