वनस्पति-शास्त्र में पेड़ -पौधे को प्राकृतिक रूप में जिस प्रकार रहते है उसका अध्ययन किया जाता है। वनस्पतिशास्त्र को निम्नलिखित शाखाओं में बाँटा जा सकता है।
1.मोरफोलॉज़ी(Morphology):- Morpho-आकृति, logos- विवेचन इसके अंतर्गत पेड़-पौधों की आकृति (shape) और रूप (form) का अध्ययन किया जाता है।
2. शारीरिकी (Anatomy):-( ana-पृथक, tamnein-काटना) इसके अंतर्गत पेड़-पौधे की आंतरिक-संरचना के dissection का अध्ययन किया जाता हैं।
3.औतिकी (Histology):-histos-उत्तक, logos-विवेचन, इसके अंतर्गत पौधे के उत्तक की सूक्ष्म संरचना का अध्ययन किया जाता है। इसमें पेड़ पौधे के सूक्ष्म काटों (fine sections) के द्वारा निरीक्षण किया जाता हैं।
4.कौशाकी (Cytology):- cytos-कोशा, logos-विवेचन इस विभाग के अंतर्गत पेड़-पौधे के कोशा (cell) का अध्ययन किया जाता हैं।
पादप जगत का वर्गीकरण
अध्ययन की सुविधा के अनुसार चार लाख से भी अत्यधिक पाये जाने वाले पेड़-पौधे को समुहों में वर्गीकृत किया गया है।इन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है कि जिनके संरचना और जीवन च्रक एक समान हो।
पुरानी पद्दति में इचलर (Eichler,1839-1887) नामक वनस्पतिशास्त्री ने पादप जगत को दी भागों में बांटा था।
1.अपुष्पक (cryptogams ; kryptos-गुप्त यानी छिपा हुआ ,gamos-विवाह) यह वह पौधे होते है, जो न तो बीज धारण करते है और न तो स्पष्ट रूप से फूल। इसलिए cryptogams को 'बीजरहित"(seedless) या 'फुलरहित'(non-flowering) पौधे कहा जाता हैं।
अपुष्पको(cryptogams) को तीन उपविभागों में विभक्त किया गया है।।
(क) थैलोफाइटा (thallophyta)
थैलोफाइटा को दो वर्गों में बांटा गया है। 1.शैवाल (algae)
2. कवक (fungi)
(ख) ब्रायोफाइटा (bryophyta)
ब्रायोफाइटा को लिवरवर्ट (liverworts) और मॉस (mosses) में बांटा गया है।
(ग) टेरिडोफाइटा (pteriodophyta)
2. सपुष्पक (phanerogams ; phaneros- दिखाई देने वाला ,gamos-विवाह)
सपुष्पकों (phenerogams) को भी दो उपविभागों में विभक्त किया गया है।
(क) नग्नवीजी (gymnosperms) इसे दो वर्गों में बांटा गया है।
1.साइकेड (cycads) 2. कॉनिफर (conifers)
(ख) आवृतबीजी (angiosperm) इसे भी दो वर्गों में बांटा गया है।
1. एकबीजपत्री (monocotyledons) 2.द्विबीजपत्री (dicotyledons)
आधुनिक युग मे पेड़-पौधे को नई वर्गीकरण के द्वारा बांटा गया है। जिन्हें आधुनिक वर्गीकरण (Modern classification) कहा जाता है।
इन वर्गीकरण में पेड़-पौधों को कुछ समुदाय, जिन्हें फाइलम (phyla; एकवचन-phylum) में बाँटते है। पूरे पादप जगत को 25 फाइलम में विभाजित किया गया है।
इनमे प्रथम 15 फाइलम पुराने वर्गीकरण के अनुसार जिन्हें थैलोफाइटा (thallophyta) कहते है उसके अंतर्गत आने वाले पौधे है।
16 से 18 तक के फाइलम :- ब्रायोफाइटा (bryophyta) के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
19 से 22 तक के फाइलम :- टेरिडोफाइटा (pteriodophyta) के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
23 और 24 तक के फायलम:- नग्नवीजी(gymnosperms) के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
25 वें फायलम :- आवृतबीजी (angiosperm के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
1.मोरफोलॉज़ी(Morphology):- Morpho-आकृति, logos- विवेचन इसके अंतर्गत पेड़-पौधों की आकृति (shape) और रूप (form) का अध्ययन किया जाता है।
2. शारीरिकी (Anatomy):-( ana-पृथक, tamnein-काटना) इसके अंतर्गत पेड़-पौधे की आंतरिक-संरचना के dissection का अध्ययन किया जाता हैं।
3.औतिकी (Histology):-histos-उत्तक, logos-विवेचन, इसके अंतर्गत पौधे के उत्तक की सूक्ष्म संरचना का अध्ययन किया जाता है। इसमें पेड़ पौधे के सूक्ष्म काटों (fine sections) के द्वारा निरीक्षण किया जाता हैं।
4.कौशाकी (Cytology):- cytos-कोशा, logos-विवेचन इस विभाग के अंतर्गत पेड़-पौधे के कोशा (cell) का अध्ययन किया जाता हैं।
पादप जगत का वर्गीकरण
अध्ययन की सुविधा के अनुसार चार लाख से भी अत्यधिक पाये जाने वाले पेड़-पौधे को समुहों में वर्गीकृत किया गया है।इन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है कि जिनके संरचना और जीवन च्रक एक समान हो।
पुरानी पद्दति में इचलर (Eichler,1839-1887) नामक वनस्पतिशास्त्री ने पादप जगत को दी भागों में बांटा था।
1.अपुष्पक (cryptogams ; kryptos-गुप्त यानी छिपा हुआ ,gamos-विवाह) यह वह पौधे होते है, जो न तो बीज धारण करते है और न तो स्पष्ट रूप से फूल। इसलिए cryptogams को 'बीजरहित"(seedless) या 'फुलरहित'(non-flowering) पौधे कहा जाता हैं।
अपुष्पको(cryptogams) को तीन उपविभागों में विभक्त किया गया है।।
(क) थैलोफाइटा (thallophyta)
थैलोफाइटा को दो वर्गों में बांटा गया है। 1.शैवाल (algae)
2. कवक (fungi)
Types of thallophyta
(ख) ब्रायोफाइटा (bryophyta)
ब्रायोफाइटा को लिवरवर्ट (liverworts) और मॉस (mosses) में बांटा गया है।
(ग) टेरिडोफाइटा (pteriodophyta)
2. सपुष्पक (phanerogams ; phaneros- दिखाई देने वाला ,gamos-विवाह)
सपुष्पकों (phenerogams) को भी दो उपविभागों में विभक्त किया गया है।
(क) नग्नवीजी (gymnosperms) इसे दो वर्गों में बांटा गया है।
1.साइकेड (cycads) 2. कॉनिफर (conifers)
(ख) आवृतबीजी (angiosperm) इसे भी दो वर्गों में बांटा गया है।
1. एकबीजपत्री (monocotyledons) 2.द्विबीजपत्री (dicotyledons)
आधुनिक युग मे पेड़-पौधे को नई वर्गीकरण के द्वारा बांटा गया है। जिन्हें आधुनिक वर्गीकरण (Modern classification) कहा जाता है।
इन वर्गीकरण में पेड़-पौधों को कुछ समुदाय, जिन्हें फाइलम (phyla; एकवचन-phylum) में बाँटते है। पूरे पादप जगत को 25 फाइलम में विभाजित किया गया है।
इनमे प्रथम 15 फाइलम पुराने वर्गीकरण के अनुसार जिन्हें थैलोफाइटा (thallophyta) कहते है उसके अंतर्गत आने वाले पौधे है।
16 से 18 तक के फाइलम :- ब्रायोफाइटा (bryophyta) के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
19 से 22 तक के फाइलम :- टेरिडोफाइटा (pteriodophyta) के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
23 और 24 तक के फायलम:- नग्नवीजी(gymnosperms) के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
25 वें फायलम :- आवृतबीजी (angiosperm के अंतर्गत आने वाले पौधे है।
Nice post
ReplyDeleteथैलोफाइटा के मुख्य लक्षण