Wednesday, 3 January 2018

Eye Dieses

Eye Dieses(आँख के रोग):-

 आँखे आना:-आँख का दुखना या आँखे आना,आँखों का एक छूत का रोग है।यह एक प्रकार के बैक्टरिया, फफूंद या वायरस (विषाणु) के कारण होता है।इससे आंख का सफेद भाग (दृष्टिपटल) और पलको की भीतरी सतह को ढकने वाली पतली पारदर्शी झिल्ली लाल हो जाती है । यह रोग प्रायः खतरनाक नही होता,किन्तु ठीक प्रकार से इलाज करवाने में देरी करने से नेत्र ज्योति पर असर पड़ सकता है। लक्षण: यह रोग एक आंख या दोनों आँखों मे खुजलाहट के साथ शुरू होता है।आंखे लाल हो जाती है और पलके सूज जाती है,शुरू में आंखों से पानी या पतली कीच-सी निकलती है।इसके बाद आंखों की कोरो में गाढ़ी-सी सफ़ेद या पीलापन लिए सफेद कीच-सी इकट्ठी हो जाती है,आंख खोलना मुश्किल हो जाता है और रोगी प्रकाश सहन नही कर सकता।यदि इलाज नही कराया जाय तो आंखों की पुतली में फोड़ा हो जाता है और आंख की पुतली पर सफेदा, माड़ा या फुला बन जाता है।इससे सदा के लिए नेत्रज्योति नष्ट भी हो सकती है। रोग कैसे फैलता है:- यह रोग दूषित हाथ या उंगलियां आंखों पर लगाने से,दूषित तौलिया,रुमाल आदि से आंखे पोछने से और रोगी की अन्य दुषित चीजो के प्रयोग से भी फैलता है।मक्खियां भी इस रोग को एक रोगी से दूसरे रोगी तक पहुँचाता है।यह रोग धूल ,धुँआ, गंदे पानी मे नहाने या रोगी की सुरमा डालने की सलाई का इस्तेमाल करने से या एक ही उंगली द्वारा एक से अधिक बच्चों को काजल लगाने से भी हो जाता है। रोकथाम:- इस रोग की रोकथाम के सबसे उत्तम उपाय साफ रहना,सफाई के प्रति सावधानी बरतना और पास-पड़ोस को साफ -सुथरा रखना है । रोगी के प्रतिदिन काम आने वाले के लिए रुमाल और वस्त्रों को जब तक अच्छी तरह साफ न कर ले,दूसरे के कपड़ों के साथ न मिलाये, भीड़-भाड़ से बचकर रहे।घर मे सभी के लिए एक सुरमा सलाई का उपयोग न करे।आंखों में काजल न डाले , आंखे नित्य साफ और ठण्डे पानी से धोए। knowledge for you

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