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राष्ट्रपति भवन |
12 दिसंबर 1911 को जार्ज पंचम ने भारत की राजधानी कोलकाता से नई दिल्ली करने की घोषणा की थी। इसके तहत गवर्नर जनरल के आवास को विशेष महत्व दिया गया है। इमारत के ऊपर भारत के स्थापथ्य कला के अनुरूप गुम्बदनुमा ढाँचे छतरी है। भवन में बहुतायत गोलाकार कुंड रूपी आकृति बनाई गई है।जिनमे पानी के फौवारे लगे है। इस भवन में 8 फ़ीट दीवार से बाहर निकले हुए परंपरागत भारतीय छज्जे भी बनाये गए है। जो पुष्प की आकार में है जो वर्षा से बचाते हैं।
इस भवन की दीवारें में जालियों का डिजाइन है जो लाल बलुआ पत्थर से बना है। भवन के पूर्बी भाग में 12 स्तंभ है जो असमान है जिनमे ऊपर की ओर खड़ी रेखाएं बनी हुई है।अकेन्थेस की पत्तियो का बेक बनी है जिनके साथ चार घंटियां लगी है। इस भवन में लोहे का प्रयोग न्यूनतम हुआ है। 1931 में इसका उद्घाटन हुआ था। लगभग 2 लाख वर्ग फ़ीट में इसका पूरा है। इस भवन में 3.5 लाख घन फ़ीट पत्थर लगा है।