सर्वदा स्वस्थ् रहने के उपाय
१. सुुबह ब्रह्ममुहूर्त मे उठे,यह समय सूयोर्दय सेे लगभग ४८ मिनट पहले होता हैं। २. सुुबह बासी मुहँ भरपेट जल पीने की आदत डाले, इसे उष: पान कहते हैं।जल हरदम बैठ कर पिये। ३. सुबह नित्य कर्म से निर्वित होकर मैदान में टहलने की आदत डाले, कम से कम २-३ किलोमीटर तक तेज चाल से टहले। ४.रोजाना सुबह १५-३० मिनट तक हल्के व्ययाम अथवा योगासन जरूर करें। ५. रोज सुबह नाश्ते में अंकुरित आहार को शामिल करें, इसे अमृतान्न कहते हैं।क्योंकि ये केवल सुर्य की रोशनी में ही पकते है। इसमें चना,मूँग, गेंहू, मूंगफली, उरद, मैथी तथा सोयाबीन हैं।इन्हें खूब चबाचबा कर खाएं तथा दूध पिये। ६.नियमित समय पर खूब चबा-चबाकर भोजन करें, दांतो का पुर्ण प्रयोग करें, दाँतो का काम आँतो से न ले और भोजन में लगभग २०-३० मिनट का समय लगावे। 'रोटी को पियें तथा दुध को खाये' रोटी को इतना चबाये की वह मीठी लगने लगे।जब वह लार के साथ मिलकर पेट मे जायेगी, तब सुपाच्य हो जायेगी एवं अच्छी ऊर्जा देगी। इस तरह से भोजन करने से आप कब्ज़ से बचे रहेंगे। ७.दैनिक भोजन में सलाद को जरूर शामिल करें।
१. सुुबह ब्रह्ममुहूर्त मे उठे,यह समय सूयोर्दय सेे लगभग ४८ मिनट पहले होता हैं। २. सुुबह बासी मुहँ भरपेट जल पीने की आदत डाले, इसे उष: पान कहते हैं।जल हरदम बैठ कर पिये। ३. सुबह नित्य कर्म से निर्वित होकर मैदान में टहलने की आदत डाले, कम से कम २-३ किलोमीटर तक तेज चाल से टहले। ४.रोजाना सुबह १५-३० मिनट तक हल्के व्ययाम अथवा योगासन जरूर करें। ५. रोज सुबह नाश्ते में अंकुरित आहार को शामिल करें, इसे अमृतान्न कहते हैं।क्योंकि ये केवल सुर्य की रोशनी में ही पकते है। इसमें चना,मूँग, गेंहू, मूंगफली, उरद, मैथी तथा सोयाबीन हैं।इन्हें खूब चबाचबा कर खाएं तथा दूध पिये। ६.नियमित समय पर खूब चबा-चबाकर भोजन करें, दांतो का पुर्ण प्रयोग करें, दाँतो का काम आँतो से न ले और भोजन में लगभग २०-३० मिनट का समय लगावे। 'रोटी को पियें तथा दुध को खाये' रोटी को इतना चबाये की वह मीठी लगने लगे।जब वह लार के साथ मिलकर पेट मे जायेगी, तब सुपाच्य हो जायेगी एवं अच्छी ऊर्जा देगी। इस तरह से भोजन करने से आप कब्ज़ से बचे रहेंगे। ७.दैनिक भोजन में सलाद को जरूर शामिल करें।
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