भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) की छात्रवृत्ति योजना उन छात्राओं के लिए है, जिन्होंने यूजी और मास्टर कोर्स में दाखिला लिया है। इस योजना का उद्देश्य छात्राओं की योग्यता को निखारना और राष्ट्रहित में इस्तेमाल करना है।
योग्यता
*आवेदक के पास भारत की नागरिकता होनी चाहिए । किसी अन्य देश के नागरिक इस छात्रवृत्ति के योग्य नहीं होते हैं।
*आवेदक स्नातक (ग्रेजुएट) या स्नातकोत्तर (पीजी) की प्रथम वर्ष की छात्रा हो, और उसने बीई, बीटेक, बीएससी इंजीनियरिंग, एमई, एमटेक या एमएससी इंजीनियरिंग में दाखिला लिया हो।
वह एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, स्पेस इंजीनियरिंग एंड रॉकेटरी, एवियोनिक्स या एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हो।
* अंतर-स्नातक वर्ग में आवेदन करने वाली छात्राओं ने बेहतर अंकों के साथ जेईई (मेन्स) भी पास किया हो, जबकि परा स्नातक की छात्राओं के पास गेट के साथ-साथ स्नातक में 60 फीसदी अंक होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए।
इंटिग्रेटेड मास्टर डिग्री करने वाली छात्राएं भी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकती हैं।
प्रारूप
छात्रवृत्ति के लिए कुल 30 छात्राओं (20 अंतर- स्नातक वर्ग में और 10 परा-स्नातक वर्ग में) का चयन किया जाता हैं।
अंतर-स्नातक की छात्राओं को 1.20 लाख रुपये वार्षिक (अधिकतम 4 वर्षों तक) छात्रवृत्ति दी जा सकती है, जबकि परा-स्नातक की छात्राओं को दो वर्षों तक 1.86 लाख रुपये वार्षिक के हिसाब से छात्रवृत्ति मिलेगी।
संतोषजनक शैक्षणिक प्रदर्शन नहीं करने पर छात्रवृत्ति की राशि रोकी भी जा सकती है।
*आवेदक के पास भारत की नागरिकता होनी चाहिए । किसी अन्य देश के नागरिक इस छात्रवृत्ति के योग्य नहीं होते हैं।
*आवेदक स्नातक (ग्रेजुएट) या स्नातकोत्तर (पीजी) की प्रथम वर्ष की छात्रा हो, और उसने बीई, बीटेक, बीएससी इंजीनियरिंग, एमई, एमटेक या एमएससी इंजीनियरिंग में दाखिला लिया हो।
वह एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, स्पेस इंजीनियरिंग एंड रॉकेटरी, एवियोनिक्स या एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हो।
* अंतर-स्नातक वर्ग में आवेदन करने वाली छात्राओं ने बेहतर अंकों के साथ जेईई (मेन्स) भी पास किया हो, जबकि परा स्नातक की छात्राओं के पास गेट के साथ-साथ स्नातक में 60 फीसदी अंक होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए।
इंटिग्रेटेड मास्टर डिग्री करने वाली छात्राएं भी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकती हैं।
प्रारूप
छात्रवृत्ति के लिए कुल 30 छात्राओं (20 अंतर- स्नातक वर्ग में और 10 परा-स्नातक वर्ग में) का चयन किया जाता हैं।
अंतर-स्नातक की छात्राओं को 1.20 लाख रुपये वार्षिक (अधिकतम 4 वर्षों तक) छात्रवृत्ति दी जा सकती है, जबकि परा-स्नातक की छात्राओं को दो वर्षों तक 1.86 लाख रुपये वार्षिक के हिसाब से छात्रवृत्ति मिलेगी।
संतोषजनक शैक्षणिक प्रदर्शन नहीं करने पर छात्रवृत्ति की राशि रोकी भी जा सकती है।
* आवेदन करने की प्रक्रिया
आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। ऑफलाइन
आवेदन पर ध्यान नहीं किया जाएगा।
आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। ऑफलाइन
आवेदन पर ध्यान नहीं किया जाएगा।
◆ सवर्प्रथम रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, उसके बाद ही आवेदन-पत्र भरे जा सकेंगे।
◆ आवेदन करते समय ज़रूरी दस्तावेजों को भी स्कैन करके
अपलोड करने होंगे। दस्तावेजों में सभी जरूरी सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, शिक्षण संस्थान में दाखिले की रसीद और फीस की रसीद आदि शामिल रहती हैं।
◆ आवेदन-पत्र में आपको अपना फोटोग्राफ भी अपलोड करना होताा है।
◆ आवेदन-पत्र भरने के बाद भविष्य के लिए उसका प्रिंटआउट संभालकर रख लें।
अंतिम तिथि के बाद आवेदन-पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
◆ बिना जरूरी दस्तावेजों के या आधे-अधूरे भरे गए
आवेदन-पत्र भी खारिज कर दिए जाएंगे।
अंतिम तिथिः 30 सितंबर, 2020
वेबसाइटः www.rac.gov.in
◆ आवेदन-पत्र में आपको अपना फोटोग्राफ भी अपलोड करना होताा है।
◆ आवेदन-पत्र भरने के बाद भविष्य के लिए उसका प्रिंटआउट संभालकर रख लें।
अंतिम तिथि के बाद आवेदन-पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
◆ बिना जरूरी दस्तावेजों के या आधे-अधूरे भरे गए
आवेदन-पत्र भी खारिज कर दिए जाएंगे।
अंतिम तिथिः 30 सितंबर, 2020
वेबसाइटः www.rac.gov.in
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