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उमर शेख मिर्जा |
◆ कुतलुब निगार खानम :- बाबर की माता और उमर शेख मिर्ज़ा की पत्नी थी।
◆ खान जादा बेगम :- बाबर की बहन और समरकन्द के शेबानी खाँ की पत्नी थी।
◆ माहिम बेगम :- यह बाबर की तीसरी पत्नी थी और हुमायूँ की माँ थी। हुमायूँ का जन्म 6 मार्च 1508 ई. को काबुल में हुआ था।
◆ गुलबदन बेगम :- यह बाबर की पुत्री और हुमायूँ की बहन थी। इनका जन्म 1523 ई. के लगभग हुआ था। हुमायूंनामा की रचियता थी यह दो भागों में है।
◆ बेगा बेगम:- यह हुमायूँ की पटरानी थी जिसे शेरशाह ने बंदी बना लिया था।
हमीदा बानो बेगम :- इनका विवाह हुमायूँ के साथ 29 अगस्त,1541 ई. में हुआ था। हिन्दाल के आध्यात्मिक गुरु मीर अली अकबर जामी (बाबा दोस्त) की पुत्री थी। हमीदा बानो बेगम के गर्भ से अमर कोट के राजा वीरसाल नामक राजा के घर मे अकबर का जन्म हुआ था। जो आगे चलकर भारत का प्रतापी समार्ट बना था।
◆ हाजी बेगम :- ये हुमायूँ की पत्नी थी। इसी ने "हुमायूँ का मकबरा" बनवाया था। इसका कारीगर ईरानी था। "हुमायूँ का मकबरा" की शैली ईरानी है।
◆ जीजी अनंगा:- अकबर की आया थी। इनके पति शमशुद्दीन ने 1540 ई. में कन्नोज की लड़ाई में पराजित हुमायूँ को डूबने से बचाया था। इन्हें अतगा ख़ाँ की उपाधि प्रदान की गई थी।
◆ माहम अनंगा :- यह अकबर की बड़ी आया थी बैरम खान के मक्का भेजने में इसी का हाथ था। बैरम खान अकबर का सरंक्षक था।
◆ सलीमा बेगम :- अकबर के संरक्षक बैरम खान की पत्नी थी। बैरम खान के पुत्र अब्दुर्रहीम को अकबर को ऊँचे पद दिया था। बैरम खान के मरने के पश्चात अकबर ने सलीमा बेगम से विवाह कर लिया था। 1584 ई. में ख़ानख़ाना की उपाधी दी।
मरियम उज जामिनि:- यह अकबर की पत्नी और आमेर के कछवाहा राजपूत राजा "भारमल" की पुत्री थी। 1562 ई. में सांभर में अकबर के साथ विवाह हुआ था। ये जहांगीर की माता थी। अकबर की प्रधान साम्रागी थी। इन्हें अकबर के मक़बरा (सिकंदरा) से 2 फर्लांग की दूरी पर दफनाया गया।जिसे सिकंदर लोदी की बारादरी या "ईसाई बेगम" का मकबरा कहते है।
* रुकिया बेगम या तुर्की सुल्ताना : अकबर की प्रथम बेगम , संभवत हिंदाल की पुत्री थी।
* हरखा बाई: अकबर की पत्नी और मरियम उज जामिनी की बहन थी।
* बरखतुनिया बेगम: अकबर के काबुल राज्य की गवर्नर मिर्ज़ा हकीम की बहन थी।
* जगत गोसाई : जहांगीर की पत्नी और मारवाड़ के शासक मोता राजा उदय सिंह की पुत्री थी। शाहजहां (खुर्रम) की मां थी। शाहजहां के साथ हिन्दू रीति रिवाजों के साथ विवाह हुआ था।
* मानबाई : इनका विवाह जहांगीर के साथ 1585 ई. में हिन्दू और मुस्लिम दोनों रिती रिवाजों से हुआ था। यह आमेर के राजा भगवान दास की पुत्री थी। आमिर खुसरो की माता थी। इन्हें "शाह बेगम" का पद प्राप्त था। इनकी मृत्यु के बाद जहांगीर 4 दिनों तक भूखा रहा था।
* मेहरुन्निसा (नूरजहां) : फारस के मिर्ज़ा ग्यास बेग और अस्मत बेगम की पुत्री थी। जहांगीर की पत्नी थी। इनका जन्म कंधार में और विवाह अली कुली बेग से हुआ था। अली कुली बेग को "शेर अफगान" की उपाधि प्राप्त थी। शेर अफगान के मृत्यु के बाद "नूरजहां" और उसकी पुत्री "लाड़ली बेगम" को अकबर की पत्नी "सलीमा बेगम" की सेविका बनाया गया।
* 1611ई. में " "नौरोज" पर्व पर जहांगीर ने उसे देखा और नूरजहां से विवाह कर लिया। नूरजहां की पुत्री का विवाह शहरयार के साथ हुआ।
* नूरजहां की भाई "आसिफ खान" की पुत्री " अर्जुबंद बानो बेगम" का विवाह खुर्रम(शाहज़हां) के साथ हुआ। जब वह अपने जमाता(दामाद) का पक्ष लेने लगी तो शांजहा उसका विरोधी हो गया। नूरजहां झरोखा दर्शन देती थी। 1613 ई. में इन्हे "बादशाह बेगम" अथवा पट्ट महिषी बनाया गया था।
* अस्मत बेगम : गुलाब से इत्र बनाने की कला इसी ने इजाद की थी। यह नूरजहां की मां थी।
* लाड़ली बेगम : यह नूरजहां की शेर अफगान(अली कुली बेग) से उत्त्पन्न पुत्री थी। इसी का विवाह शहरयार (उपनाम_खुदर मुर्ज, नैशुदरी, निख्ट्टू) के साथ हुआ था।
* अर्जुमंद बानो बेगम : यह नूरजहां के भाई आसिफ खां की पुत्री थी। इसका जन्म 15940 ई. में हुआ था। 1612 ई. में विवाह शहजादा खुर्रम( शाहजाहा) से हुआ था। इसे "मलिक ए जमली" की उपाधि दी गई। मुमताज़ महल के नाम से प्रसिद्ध हुई। इसके 14 बच्चे हुए। "शाही मुहर" इसके अधिकार में था। 17 जनवरी , 1631 ई. को प्रसव पीड़ा के दौरान(जब शांजाहा "दक्षिण विजय" में व्यस्त था) मृत्यु हो गई। इसे बुरहानपुर के बाग में दफनाया गया। बाद में ताजमहल में दफनाया गया। सती उन्निसा खानम इसकी सलाहकार थी।
* रोशनआरा : यह शाहजहां की पुत्री थी। औरंगज़ेब, दारा, मुराद, शुजा की बहन थी। इस्लाम शिक्षा के लिए दिल्ली में " बेतुल इस्लाम केंद्र" की स्थापना की थी।
* जहांआरा : यह शाहजहां की दूसरी पुत्री थी। इससे शाहजहां को विशेष लगाव था।
* बेगम नादिरा : यह शाहजहां के पुत्र "दारा" की पत्नी थी।
* दिलरास बानो बेगम : यह शाहजहां के पुत्र "औरंगज़ेब" की पत्नी थी। इसका विवाह औरंगज़ेब से 18 मई, 1637 ई. में हुआ था। यह फारस के राजघराने शाहनवाज़ की पुत्री थी।
* राबिया उद दौरानी : यह औरंगज़ेब की पत्नी थी। इसका मकबरा औरंगाबाद में है।